Uttar pradesh/ भारतीय टॉक न्यूज़: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में चल रही विभिन्न विकास परियोजनाओं की प्रगति को लेकर सख्त रुख अपनाया है। शनिवार को अपने सरकारी आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की समीक्षा करते हुए उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि भूमि अधिग्रहण और मुआवजे के सभी लंबित मामले 15 मार्च 2025 तक हर हाल में निपटा लिए जाएं। सीएम ने चेतावनी दी कि सरकारी परियोजनाओं में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, क्योंकि इससे न केवल विकास कार्य प्रभावित होते हैं, बल्कि राजस्व पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस लेख में हम इस खबर की पूरी जानकारी, महत्वपूर्ण बिंदुओं और इसके प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
परियोजनाओं में देरी अस्वीकार्य: सीएम का सख्त निर्देश
सीएम योगी ने समीक्षा बैठक में साफ कहा कि लोकहित से जुड़ी विकास परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण में लापरवाही के कारण परियोजनाओं में देरी राजस्व हानि का कारण बनती है और जनता को इनके लाभ से वंचित होना पड़ता है। इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे हर सप्ताह इन कार्यों की समीक्षा करें और प्रगति रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय और संबंधित विभागों को भेजें। सीएम ने जोर दिया कि परियोजनाओं की समयबद्धता न केवल रोजगार सृजन करती है, बल्कि आम जनमानस के जीवन पर भी सकारात्मक प्रभाव डालती है।
किसानों के हित में पारदर्शिता: सर्किल रेट की जानकारी पहले दें
मुख्यमंत्री ने किसानों के हितों को प्राथमिकता देते हुए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि मुआवजा वितरण से पहले किसानों को सर्किल रेट की पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाए। उनका कहना था कि पारदर्शिता से असमंजस की स्थिति खत्म होगी और किसानों का भरोसा सरकार पर बढ़ेगा। इसके साथ ही, उन्होंने जिला प्रशासन को प्रभावित किसानों और उनके परिवारों से नियमित संवाद स्थापित करने का आदेश दिया। सीएम ने कहा कि सामान्य नागरिक विकास चाहता है और उसे इसके लाभों से अवगत कराना जरूरी है। यह कदम न केवल भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज करेगा, बल्कि किसानों के बीच सरकार की विश्वसनीयता को भी मजबूत करेगा।
नोडल अधिकारियों की तैनाती: परियोजनाओं पर कड़ी नजर
विकास कार्यों में तेजी और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सीएम योगी ने नोडल अधिकारियों की नियुक्ति का निर्देश दिया। ये अधिकारी परियोजनाओं की प्रगति पर नजर रखेंगे और किसी भी स्तर पर देरी या खामियों की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करेंगे। इसके अलावा, उन्होंने ग्रेटर नोएडा में ईएसआईसी (ESIC) द्वारा 350 बेड और गोरखपुर में 100 बेड के अस्पतालों के निर्माण को जल्द पूरा करने का आदेश दिया। सीएम ने कहा कि इन परियोजनाओं में उच्च गुणवत्ता का ध्यान रखा जाए, ताकि जनता को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। नोडल अधिकारियों की तैनाती से सरकार की “जीरो पेंडेंसी” नीति को बल मिलेगा।
विकास और रोजगार सृजन पर फोकस: प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती
सीएम योगी ने बैठक में वाराणसी सहित राज्य के विभिन्न शहरों में चल रही विकास परियोजनाओं की प्रगति का जायजा लिया और अधिकारियों को इनके समय पर पूरा करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य न केवल विकास करना है, बल्कि इसके जरिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करना भी है। उदाहरण के तौर पर, ग्रेटर नोएडा में अस्पताल निर्माण पूरा होने के बाद हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। इससे न केवल स्थानीय लोगों को लाभ होगा, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। सीएम ने जोर दिया कि विकास और रोजगार सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
समयबद्धता और पारदर्शिता से होगा उत्तर प्रदेश का विकास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह सख्त रुख और समयबद्ध निर्देश उत्तर प्रदेश में विकास की गति को तेज करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 15 मार्च 2025 तक सभी लंबित भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण के मामलों को निपटाने का अल्टीमेटम न केवल प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाएगा, बल्कि किसानों और आम जनता के बीच सरकार के प्रति विश्वास को भी मजबूत करेगा। पारदर्शिता, संवाद और गुणवत्तापूर्ण कार्यों के जरिए योगी सरकार राज्य को प्रगति और समृद्धि के पथ पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई दे रही है। यह कदम 2025 में उत्तर प्रदेश के विकास और रोजगार सृजन के लक्ष्यों को हासिल करने में अहम भूमिका निभाएगा।
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