Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के क्षेत्रों में एक नए शहर, न्यू नोएडा, की स्थापना की जा रही है। यह परियोजना 209 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैली होगी और इसका उद्देश्य क्षेत्र में औद्योगिक और आवासीय विकास को बढ़ावा देना है। इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसके लिए एक सलाहकार कंपनी, टीला, को नियुक्त किया गया है।
जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया:
न्यू नोएडा के लिए जमीन अधिग्रहण किसानों की आपसी सहमति के आधार पर किया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण ने टीला नामक सलाहकार कंपनी को नियुक्त किया है। कंपनी के सलाहकार और प्राधिकरण अधिकारियों के बीच पहली बैठक हो चुकी है, जिसमें कंपनी ने अपनी विस्तृत योजना प्रस्तुत की। सबसे पहले सेक्टर-161 में जमीन के लिए किसानों से बातचीत की जाएगी, जिसके बाद न्यू नोएडा की जमीन के लिए किसानों से वार्ता होगी।
पहले चरण में 15 गांवों से बातचीत:
न्यू नोएडा को 80 गांवों की जमीन पर बसाया जाएगा। पहले चरण में 15 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। प्रत्येक गांव में करीब 200 किसान परिवार हैं, यानी कुल 16 हजार किसान परिवारों के साथ बैठक की जाएगी। पहले फेज में 3,165 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है।
न्यू नोएडा का विस्तार और विकास योजना:
न्यू नोएडा करीब 209 वर्ग किलोमीटर में बसाया जाना है। इसके लिए ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस के साथ जहां जीटी रोड अलग होती है, सबसे पहले वहां से लगे गांव की जमीन का अधिग्रहण शुरू किया जाएगा। इस गांव में जोखाबाद, सांवली भी आता है। इन गांवों के प्रधान से बातचीत की गई है। यहां आपसी समझौते के आधार पर जमीन किसानों से खरीदी जाएगी। इसके अलावा जोखाबाद और ग्राम सांवली में ही डीएनजीआईआर (न्यू नोएडा) का अस्थायी कार्यालय बनाया जाएगा।
मास्टर प्लान और विकास के चरण:
न्यू नोएडा 209.11 वर्ग किलोमीटर यानी 20 हजार 911.29 हेक्टेयर में बसाया जाएगा। इस मास्टर प्लान को चार फेज में पूरा किया जाएगा।
पहला फेज (2023-27): 3,165 हेक्टेयर का विकास
दूसरा फेज (2027-32): 3,798 हेक्टेयर का विकास
तीसरा फेज (2032-37): 5,908 हेक्टेयर का विकास
चौथा फेज (2037-41): 8,230 हेक्टेयर जमीन का विकास
भू उपयोग और आबादी:
डीएनजीआईआर मास्टर प्लान 2041 में 40 प्रतिशत भू उपयोग औद्योगिक, 13 प्रतिशत आवासीय और ग्रीन एरिया व रीक्रिएशनल एक्टिविटी के लिए 18 प्रतिशत प्रावधान किया गया है। डीएनजीआईआर को गौतमबुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांवों को मिलाकर बनाया गया है। इस शहर की आबादी 6 लाख के आसपास होगी।