Dadri News : गौतमबुद्ध नगर के दादरी तहसील में भ्रष्टाचार की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। तहसीलदार ओमप्रकाश पासवान के नेतृत्व में निजी सहायकों के माध्यम से अवैध वसूली की जा रही है, जिससे अधिवक्ता, किसान, काश्तकार, व्यापारी और आमजन में भारी आक्रोश उत्पन्न हो रहा है। इस स्थिति के खिलाफ कानूनी कार्यवाही और तहसीलदार का स्थानांतरण करने की मांग की जा रही है।
अवैध धन वसूली का आरोप
तहसीलदार ओमप्रकाश पासवान ने दो दर्जन से अधिक निजी सहायकों को नियुक्त किया है, जो सरकारी कामकाज को निजी लाभ के लिए उपयोग कर रहे हैं। यह सब कुछ सरकारी आदेशों की अवहेलना करते हुए किया जा रहा है, जिससे जनहित और न्यायहित की स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह भ्रष्टाचार दादरी तहसील को भ्रष्टाचार की राजधानी बना रहा है।
राजस्व मामलों में अनियमितताएं
दादरी तहसील, जो उत्तर प्रदेश की सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली तहसील मानी जाती है, में राजस्व मामलों का निस्तारण सही तरीके से नहीं किया जा रहा है। तहसीलदार पासवान द्वारा धारा 34 के अविवादित नामांतरण वाद को निस्तारित करने में जानबूझकर देरी की जा रही है, जिससे वादकारियों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, यदि धन की पूर्ति नहीं होती है, तो नामांतरण पत्रावलियों को खारिज करने की भी शिकायतें हैं।
विरासत मामलों में गंभीर अनियमितताएं
विरासत संबंधी मामलों में भी तहसीलदार ओमप्रकाश पासवान द्वारा गंभीर अनियमितताएं की जा रही हैं। राजस्व निरीक्षक और लेखपाल द्वारा विरासत की तस्दीक के बावजूद, इन मामलों को सिविल न्यायालय का क्षेत्राधिकार बताकर खारिज किया जा रहा है। इससे मृतक खातेदारों के उत्तराधिकारियों को न्याय नहीं मिल पा रहा है।
न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग
तहसीलदार पासवान अपने निजी सहायकों के माध्यम से राजस्व न्यायालय का दुरुपयोग कर रहे हैं। न्यायालय की पत्रावलियां गायब हो रही हैं और सरकारी रिकॉर्ड्स की गोपनीयता भंग हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि तहसील कार्यालय को किराना की दुकान की तरह चलाया जा रहा है, जिसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है।
कानूनी कार्यवाही और स्थानांतरण की मांग
दादरी तहसील में तहसीलदार ओमप्रकाश पासवान के खिलाफ भारी रोष है। उनके द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के कारण स्थानीय समुदाय में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस संबंध में तहसीलदार के खिलाफ कानूनी कार्यवाही और स्थानांतरण की मांग की जा रही है, जिससे कि दादरी तहसील में न्याय और पारदर्शिता की स्थिति बहाल हो सके।
यह स्थिति न केवल स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह सरकारी तंत्र की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाती है।