Greater Noida / भारतीय टॉक न्यूज़ : मकान या फ्लैट किराए पर लेने के बाद अक्सर कुछ किराएदार किराया देने में आनाकानी करते हैं और कई बार तो संपत्ति पर कब्जा करने की भी कोशिश करते हैं। ऐसे ही एक मामले में नोएडा की एक अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए एक किराएदार पर 20 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया है। यह फैसला एडीएम फाइनेंस कोर्ट ने सुनाया है, जिसने किराएदार को एक महीने के भीतर जुर्माना भरने और फ्लैट खाली करने का आदेश दिया है। इस फैसले की हर तरफ सराहना हो रही है।
मामले की पूरी जानकारी
यह मामला नोएडा के सेक्टर 107 स्थित ग्रेट वैल्यू शरणम सोसायटी का है। यहां मनोरमा देवी नामक महिला ने अपना फ्लैट वर्ष 2019 में किराए पर दिया था। किराएदार ने लगभग दो साल तक तो नियमित रूप से किराया दिया, लेकिन उसके बाद उसने किराया देना बंद कर दिया। इससे परेशान होकर मकान मालकिन मनोरमा देवी ने एडीएम न्यायिक कोर्ट में किराएदार के खिलाफ याचिका दायर की।
किराएदार का झूठा दावा
कोर्ट में सुनवाई के दौरान किराएदार ने दावा किया कि उसने अगले तीन साल का किराया एडवांस में दे दिया था। हालांकि, जब न्यायालय ने किराएदार से इस दावे के समर्थन में दस्तावेज पेश करने को कहा, तो वह कोई भी प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सका। इससे न्यायालय को यह स्पष्ट हो गया कि किराएदार का दावा झूठा है और वह मकान पर कब्जा करने की नीयत रखता है।
कोर्ट का सख्त आदेश
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एडीएम फाइनेंस कोर्ट ने किराएदार को दोषी पाया और उस पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि किराएदार को यह जुर्माना एक महीने के भीतर भरना होगा और साथ ही फ्लैट को भी खाली करना होगा। यदि किराएदार इस आदेश का पालन नहीं करता है, तो कोर्ट आगे की कानूनी कार्रवाई कर सकता है। इस सख्त फैसले से उन मकान मालिकों को बड़ी राहत मिली है जो किराएदारों की इस तरह की हरकतों से परेशान रहते हैं।