ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अवैध कॉलोनियों पर शिकंजा: राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेश पर कार्रवाई की तैयारी !

Crackdown on illegal colonies in Greater Noida West: Preparations underway for action on the orders of National Green Authority!

Partap Singh Nagar
3 Min Read
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अवैध कॉलोनियों पर शिकंजा: राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेश पर कार्रवाई की तैयारी !


Crackdown on illegal colonies in Greater Noida West :
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में तेज़ी से पनप रही अवैध कॉलोनियों पर अब कार्रवाई की तलवार लटक रही है। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) के आदेश के बाद जिला पर्यावरण समिति ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है। समिति की बैठक में अवैध कॉलोनियों के मुद्दे को गंभीरता से उठाया गया और नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को इन पर कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।

जिला पर्यावरण समिति का अहम निर्णय

जिला पर्यावरण समिति की बैठक में विक्रांत तोंगड़ ने अवैध कॉलोनियों और ओवरलोड वाहनों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। बैठक में इन दोनों विषयों पर गहन चर्चा हुई। जिसके बाद अवैध कॉलोनियों के खिलाफ नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को संयुक्त रूप से कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। वहीं, ओवरलोडिंग के मामलों में परिवहन और पुलिस विभाग को कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण का आदेश

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT), दिल्ली ने पहले ही अवैध रूप से बसाई जा रही कॉलोनियों पर कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है। इस आदेश के दायरे में ग्रेटर नोएडा का क्षेत्र भी आता है। अधिकारियों ने बैठक में ग्रेटर नोएडा वेस्ट में चिन्हित अवैध कॉलोनियों पर चर्चा की और कार्रवाई की रणनीति बनाई।

तीन महीने में रिपोर्ट

पर्यावरण समिति की अगली बैठक तीन महीने बाद आयोजित की जाएगी। इस दौरान, प्राधिकरण द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट तैयार की जाएगी और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण को सौंपी जाएगी। इससे NGT को कार्रवाई की प्रगति की जानकारी मिलती रहेगी।

ओवरलोडिंग के पर्यावरणीय दुष्परिणाम

क्षमता से अधिक भार वाले ट्रकों के संचालन से पर्यावरण को गंभीर नुकसान होता है। इसके कुछ मुख्य दुष्परिणाम इस प्रकार हैं:

  • बुनियादी ढांचे को क्षति: ओवरलोडेड वाहन सड़कों, पुलों और राजमार्गों पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं, जिससे वे जल्दी खराब हो जाते हैं। इससे मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए अधिक संसाधनों की आवश्यकता होती है।
  • प्रदूषण में वृद्धि: ओवरलोडिंग से इंजन पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे ईंधन की खपत बढ़ती है और हानिकारक गैसों जैसे CO2, CO और NOx का उत्सर्जन भी बढ़ता है।
  • वायु और जल प्रदूषण: क्षमता से अधिक भार वाले ट्रकों से धूल, मिट्टी और मलबा गिर सकता है, जिससे आसपास की हवा और पानी प्रदूषित होते हैं। इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, जैसे सांस की बीमारियाँ, हो सकती हैं।
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