Greater Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़: ग्रेटर नोएडा में स्क्रैप माफिया के रूप में कुख्यात रवि नागर उर्फ रवि काना पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। बीटा-2 कोतवाली पुलिस ने रवि काना समेत 23 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार, रवि काना मूल रूप से थाना दनकौर के दादूपुर गांव का रहने वाला है और वर्षों से संगठित आपराधिक गिरोह चला रहा था। गिरोह में दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर तक के अपराधी शामिल हैं, जिनके खिलाफ विभिन्न थानों में गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज हैं।
रवि काना अपने गुर्गों के साथ मिलकर कंपनियों पर दबाव बनाता था और स्क्रैप खरीदने के ठेके जबरन हासिल करता था। इसके बाद उस स्क्रैप का अवैध तरीके से दोहन कर करोड़ों रुपये की कमाई करता था। इस काली कमाई को बिल्डर देव शर्मा जैसे सदस्य अपने प्रोजेक्ट्स में निवेश कर काले धन को सफेद करने का काम करते थे। गैंग में महिलाओं को भी शामिल किया गया था ताकि व्यवसायिक सौदों में प्रभाव बनाया जा सके।
गैंगस्टर एक्ट के तहत जिन 23 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, उनमें शामिल हैं –
पंकज पाराशर, सूरज, राजेन्द्र, महकार सिंह, फिरोज खान, अवधेश सिसोदिया, देव शर्मा, हरवीर सिंह, विवेक कुमार, बबिता, विकास नागर, अनिल उर्फ मिन्टू नागर, शमशीर हसन, पूनम, अवध उर्फ बिहारी, राजकुमार नागर, आजाद नागर, तरुण छोकर, काजल झा, मधु नागर, महकी और विकास कुमार।
इन सभी के खिलाफ हत्या की कोशिश, दुष्कर्म, रंगदारी, धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनवाने, धमकी देना और एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज हैं। गिरोह की गतिविधियां नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली और आसपास के इलाकों में फैली हुई थीं, और ये गिरोह पूरी तरह संगठित तरीके से काम करता था।
सामूहिक दुष्कर्म के केस के बाद पुलिस का शिकंजा मजबूत
रवि काना और उसके कुछ साथियों – राजकुमार, महकी, आजाद और विकास – के खिलाफ नोएडा के सेक्टर-39 कोतवाली में सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज है। पीड़ित युवती ने आरोप लगाया था कि नौकरी देने का झांसा देकर उसे जीआईपी मॉल की पार्किंग में बुलाया गया, जहां आरोपियों ने सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। इस मामले में एससी/एसटी एक्ट की धाराएं भी जोड़ी गई थीं।
थाईलैंड से लौटने पर रवि काना को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस को आशंका थी कि रवि नोएडा जेल में गैंगवार को अंजाम दे सकता है, इसलिए उसे बांदा जेल स्थानांतरित कर दिया गया। पुलिस के अनुसार, रवि काना पर पहले भी बिसरख कोतवाली समेत कई जगहों पर अवैध वसूली, धमकी और संगठित अपराध के केस दर्ज हैं।
प्रशासन ने कसा शिकंजा, संपत्तियों पर भी हो सकती है कार्रवाई
अब गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज होने के बाद पुलिस और प्रशासन गिरोह की संपत्तियों की जांच में भी जुट गया है। अवैध कमाई से अर्जित की गई चल-अचल संपत्तियों की पहचान कर उन्हें जब्त करने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जा सकती है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ये गिरोह वर्षों से सिस्टम को चुनौती दे रहा था, लेकिन अब ठोस कार्रवाई से इस नेटवर्क की रीढ़ तोड़ी जाएगी।
रवि काना का गैंग नोएडा-एनसीआर में सालों से भय का पर्याय बन चुका था। अब पुलिस की गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई से उम्मीद है कि शहर में अपराध के इस जाल को तोड़ा जा सकेगा। सामूहिक दुष्कर्म से लेकर करोड़ों की स्क्रैप वसूली और बिल्डरों के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग – इस पूरे केस ने अपराध और कारोबार के गठजोड़ की परतें खोल दी हैं।