Delhi-Dehradun Expressway:दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेजी से पूरा हो रहा है और जल्द ही यह आम जनता के लिए खुलने वाला है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अनुसार, अगस्त तक इसके एक खंड का काम पूरा कर लिया जाएगा और सितंबर माह तक इसे खोलने की तैयारी की जा रही है। फिलहाल, दिल्ली से खेकड़ा तक 95% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जबकि शेष दो और तीन खंडों का कार्य तेजी से चल रहा है।
एक्सप्रेसवे की कनेक्टिविटी
यह एक्सप्रेसवे बागपत में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और खेकड़ा दिल्ली-सहारनपुर एक्सप्रेसवे से जुड़ रहा है। इसका पहला खंड अक्षरधाम से लेकर खेकड़ा तक है, जिसमें लक्ष्मी नगर, गीता कॉलोनी, लोहे का पुल, शास्त्री पार्क, न्यू उस्मानपुर, करतारनगर, खजूरी खास चौक, अंकुर विहार, शारदा सिटी, पावी पुश्ता (लोनी), मंडोला एनबीसीसी टाउनशिप शामिल हैं।
हाईटेक एक्सप्रेसवे की खासियतें
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का दिल्ली में करीब 14.5 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड है। इस एक्सप्रेसवे को बागपत में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से जोड़ने से यात्रियों को सफर करने में काफी आसानी होगी। वाहन चालक ईस्टर्न पेरिफेरल के साथ मेरठ एक्सप्रेसवे का भी इस्तेमाल कर सकेंगे। अधिकारियों का कहना है कि इसका 99% बड़ा काम अगस्त तक पूरा हो जाएगा और सितंबर माह से इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
यूपी के शहर जो एक्सप्रेसवे से जुड़ेंगे
– बागपत
– बड़ौत
– शामली
– सहारनपुर
दिल्ली से देहरादून का सफर होगा आसान
दिल्ली से लोनी, सोनीपत और देहरादून जाने वाले लोगों के लिए यह एक्सप्रेसवे एक बड़ी राहत साबित होगा। पहले चरण में 32 किमी के दो स्ट्रेच अक्षरधाम से लेकर बागपत के खेकड़ा तक चलने के लिए तैयार हैं। इस एक्सप्रेसवे के खुलने से दिल्ली से गाजियाबाद होते हुए बागपत जाने में आसानी होगी। पूरी तरह बनने के बाद दिल्ली से देहरादून पहुंचना बेहद सरल हो जाएगा और यह सफर महज ढाई घंटे में पूरा हो सकेगा।
पुलों और अंडरपास की संख्या
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का 12 किमी हिस्सा एलिवेटेड है। इसमें दो हाथी अंडरपास, 6 पशु अंडरपास, दो बड़े पुल और 13 छोटे पुल बनाए जा रहे हैं। देहरादून के 16 किलोमीटर हिस्से को निर्माण करने के लिए करीब 7500 पेड़ काटे गए हैं, लेकिन इसके बदले यूपी और उत्तराखंड क्षेत्र में 1,70,000 पेड़ लगाए जाने का दावा किया गया है।
टोल दरें और टोल प्लाजा
फिलहाल, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर टोल दरों की कीमत अभी तय नहीं की गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही इसे तय कर दिया जाएगा। सामान्य रूप से एनएचएआई 2 रुपये 75 पैसे के हिसाब से टोल की वसूली करता है, लेकिन प्रोजेक्ट की लागत अधिक होने से टोल की दरें भी सामान्य से कुछ अधिक हो सकती हैं। इस एक्सप्रेसवे पर 2 टोल प्लाजा स्थापित किए जाएंगे, जिनमें लोनी बॉर्डर में एक बनकर तैयार है और दूसरा देहरादून में बनाया जाएगा।
वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे राजाजी नेशनल पार्क से होकर गुजर रहा है। इस जंगल सफारी में खूंखार जानवर रहते हैं। इसके 20 किमी हिस्से को फिलहाल तैयार कर लिया गया है। एनएचएआई ने जंगल के 12 किलोमीटर का एलिवेटेड हिस्सा बनाया है और बीच में 2 किलोमीटर की टनल बनाकर तैयार कर ली है, ताकि हाथी सहित बड़े और छोटे जंगली जानवर निकल सकें। 12 किमी का पूरा एक वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर बनाया गया है।
लागत और निर्माण की अवधि
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की लंबाई 210 किलोमीटर है और इसकी लागत 13000 करोड़ रुपये है। इससे दिल्ली, बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली और सहारनपुर शहर जुड़ते हैं। उम्मीद है कि इसके खुलने से रोजाना 20 हजार से 30 हजार वाहन सफर करेंगे। पहले इस परियोजना को पूरा करने की अवधि 2024 रखी गई थी, लेकिन अब इसकी अंतिम डेडलाइन 2025 तक बढ़ा दी गई है।
रूट पर आने वाले गांव
– जिला बागपत: कथा, पाली, कश्माबाद, अचरजखेड़, लोहदा, हिलवारी, अलवालपुर
– मुजफ्फरनगर: बिराल, कमरूद्दीन नगर, फुगना, राजपुर छाजपुर
– ज़िला शामली: कासमपुर, खानपुर, खियावाड़ी, केडी
– ज़िला सहारनपुर: बडुली नया गांव, हलगोया मुश्तकम, नैन्सोब मुश्तकम, जैनपुर मुश्तकम, रसूलपुर खेरी अहतमाल
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के खुलने से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि यह सफर को और भी सुहाना बना देगा। इस हाईटेक एक्सप्रेसवे की सुविधाएं और कनेक्टिविटी इसे एक महत्वपूर्ण परियोजना बनाती हैं।