डिजिटल अरेस्ट: मंत्रालय के सेवानिवृत्त अधिकारी को 7 दिन ‘कैद’ कर ठगे 1.70 करोड़, मास्टरमाइंड समेत तीन गिरफ्तार

Digital Arrest: Retired ministry official held captive for 7 days, duped of Rs 1.70 crore; mastermind among three arrested

Bharatiya Talk
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डिजिटल अरेस्ट: मंत्रालय के सेवानिवृत्त अधिकारी को 7 दिन 'कैद' कर ठगे 1.70 करोड़, मास्टरमाइंड समेत तीन गिरफ्तार

Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़ (संवाददाता) : साइबर जालसाजों ने ठगी का एक ऐसा जाल बुना कि वाणिज्य मंत्रालय के एक सेवानिवृत्त अधिकारी सात दिनों तक अपने ही घर में ‘कैद’ रहे और 1.70 करोड़ रुपये गँवा दिए। ‘डिजिटल अरेस्ट’ के इस सनसनीखेज मामले में नोएडा की साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक संगठित गिरोह के तीन सदस्यों को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के बैंक खातों में मौजूद 17.48 लाख रुपये फ्रीज कर दिए हैं और गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश में जुट गई है।

क्या है पूरा मामला?

नोएडा के सेक्टर 62 में रहने वाले वाणिज्य मंत्रालय के एक सेवानिवृत्त अधिकारी को 9 सितंबर को एक अंजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को एक अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके नाम से जारी एक मोबाइल नंबर का इस्तेमाल लोगों को परेशान करने और अवैध गतिविधियों के लिए किया जा रहा है, जिसके चलते मुंबई में उनके खिलाफ एक मुकदमा दर्ज हुआ है। बुजुर्ग अधिकारी कुछ समझ पाते, इससे पहले ही जालसाज ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के एक गंभीर मामले में भी फंसाने की धमकी दी।

इस  साजिश के तहत, जालसाजों ने अधिकारी को कानूनी कार्रवाई का डर दिखाकर वीडियो कॉल पर बने रहने के लिए मजबूर किया। उन्हें घर से बाहर निकलने, किसी से बात करने या फोन काटने से मना कर दिया गया। इसी को ‘डिजिटल अरेस्ट’ कहते हैं, जिसमें पीड़ित को मानसिक रूप से डराकर और बाहरी दुनिया से संपर्क तोड़कर नियंत्रण में ले लिया जाता है। यह सिलसिला पूरे सात दिन तक चला। इस दौरान जालसाजों ने जांच और मामले को निपटाने के नाम पर पीड़ित से अलग-अलग बैंक खातों में 1.70 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए।

पुलिस ने कैसे सुलझाई गुत्थी?

ठगी का शिकार होने के बाद पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई। मामले की गंभीरता को देखते हुए, एडीसीपी साइबर शैव्या गोयल के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने टेक्निकल सर्विलांस और बैंक खातों के मनी ट्रेल की जांच शुरू की। जांच में पता चला कि ठगी की रकम बिहार के अलग-अलग जिलों से लोगों के खातों में भेजी गई थी।

सबूतों के आधार पर पुलिस टीम ने गाजियाबाद में दबिश देकर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनकी पहचान बिहार के मधेपुरा निवासी प्रिंस कुमार, दरभंगा के विद्यासागर यादव और मुजफ्फरपुर के अवनीश कुमार के रूप में हुई है।

एक खाते से कई राज्यों में ठगी

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि यह एक अंतरराज्यीय गिरोह है। आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए गए बैंक खातों के खिलाफ राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर पहले से ही छह अलग-अलग राज्यों में शिकायतें दर्ज हैं। एडीसीपी शैव्या गोयल ने बताया, “आरोपियों के बैंक खातों में केस से संबंधित 17 लाख 48 हजार रुपये की रकम को फ्रीज करा दिया गया है। यह गिरोह भोले-भाले और सम्मानित लोगों को अपना निशाना बनाता था। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है और उन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।”

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