Greater Noida News/ BT News: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 19 जून 2025 को प्रशासनिक व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए ई-ऑफिस प्रणाली (e-Office System) को आधिकारिक रूप से लागू कर दिया है। अब से सभी फाइलों का निस्तारण डिजिटल माध्यम से किया जाएगा, जिससे कागजी कार्रवाई की जटिलताओं और अनावश्यक देरी को रोका जा सकेगा।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) एनजी रवि कुमार ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि अब सारा काम ई-ऑफिस के जरिए ही किया जाए। साथ ही, अधिकारियों व कर्मचारियों की ईमेल आईडी और डिजिटल सिग्नेचर तैयार किए जा रहे हैं ताकि प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल हो सके।
पारदर्शिता और समयबद्धता बढ़ाएगा ई-ऑफिस
ई-ऑफिस के लागू होने से अब हर फाइल पर समय और तारीख के साथ ट्रैकिंग संभव हो सकेगी। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि कौन सी फाइल किस स्तर पर है और किस अधिकारी के पास लंबित है। इससे न सिर्फ जवाबदेही तय होगी, बल्कि नागरिकों को सरकारी सेवाओं में समय से राहत मिलेगी।
प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह ने बताया कि यह प्रणाली शासन की निगरानी में चलेगी और इससे विभागीय पारदर्शिता में क्रांतिकारी सुधार होगा। वहीं, ओएसडी अभिषेक पाठक ने जानकारी दी कि प्राधिकरण की 55,000 से अधिक फाइलें पहले से स्कैन कर एक डिजिटल डाटा बैंक में सुरक्षित की जा चुकी हैं, जिनका उपयोग अब ऑनलाइन किया जाएगा।
यूपी सरकार का डिजिटल इंडिया की ओर एक और बड़ा कदम
यह कदम उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी महकमों को डिजिटल करने की मुहिम का हिस्सा है। इस प्रणाली को नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) द्वारा विकसित किया गया है और UPEC (उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड) इसकी नोडल एजेंसी है। आने वाले समय में सभी सरकारी कार्यालयों को इसी तर्ज पर ई-ऑफिस में बदला जाएगा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का यह कदम सरकारी कामकाज में गति, पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता का उदाहरण बनेगा। अब नागरिकों को ‘फाइल घुमाओ, चक्कर लगाओ’ संस्कृति से राहत मिलेगी और सरकारी सेवाओं की डिलीवरी ज्यादा प्रभावी और तेज़ होगी।