Greater Noida /भारतीय टॉक न्यूज़: ग्रेटर नोएडा जिला कारागार में बंद वृद्ध और गंभीर बीमारियों से पीड़ित कैदियों के लिए दिसंबर माह में शुरू किया गया मानवाधिकार अभियान एक महत्वपूर्ण सफलता के रूप में उभरा है। इस अभियान के परिणामस्वरूप, अब तक 16 कैदियों को रिहा किया जा चुका है, जिससे उनके परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
अभियान का उद्देश्य:
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उन वृद्ध और बीमार कैदियों को रिहा कराना है, जो अपनी गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों के कारण जेल में कठिनाइयों का सामना कर रहे थे। कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली के अनुसार, ऐसे 49 कैदियों की पहचान की गई थी, जिन्हें रिहाई के लिए योग्य माना गया।
रिहाई की प्रक्रिया:
रिहाई की प्रक्रिया में कैदियों की चिकित्सा स्थिति का आकलन करना, उनके मामलों की समीक्षा करना और कानूनी औपचारिकताएं पूरी करना शामिल था। कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली के अधिवक्ताओं ने इन कैदियों के मामलों को तेजी से आगे बढ़ाने और उनकी रिहाई सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रिहाई का प्रभाव:
16 कैदियों की रिहाई से न केवल उनके परिवारों को राहत मिली है, बल्कि यह मानवाधिकारों के प्रति न्याय प्रणाली की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। यह अभियान उन कैदियों के लिए आशा की किरण लेकर आया है जो अपनी वृद्धावस्था और बीमारियों के कारण जेल में मुश्किल जीवन जी रहे थे।
अभियान की अवधि:
यह अभियान 10 मार्च तक जारी रहेगा, जिससे आने वाले दिनों में और भी कैदियों की रिहाई की उम्मीद है। कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली के अधिवक्ता दिनेश सिंह ने कहा कि वे शेष योग्य कैदियों की रिहाई के लिए भी पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।