Meerut News : हर साल की तरह इस बार भी कांवड़ यात्रा के दौरान देहरादून-दिल्ली हाईवे पर डीजे मुकाबले का आयोजन होने वाला था। पिछले 12 वर्षों से यह परंपरा चल रही है, जिसमें डीजे की धुन पर युवा नाचते हैं। लेकिन इस बार, मेरठ के डीएम दीपक मीणा और एसएसपी डा. विपिन ताडा ने गांव दशरथपुर में पहुंचकर डीजे बंद कराने का निर्णय लिया।
डीजे की धुन में बंधी भीड़
झारखंड का प्रसिद्ध डीजे ‘सार्जन’ और नोएडा का ‘रावण’ जैसे ही मेरठ की सीमा में पहुंचे, अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया। इन डीजे के साथ बड़ी संख्या में कांवड़िये भी थे, जिससे हंगामा भी हुआ और सिवाया टोल से सकौती तक लगभग 15 किमी तक जाम लग गया।
प्रतिस्पर्धा की नियमावली
इस डीजे मुकाबले में, जिस डीजे की आवाज कम होती है, वह हार मानकर अपनी धुन बंद कर देता है। इस बार, हालांकि, यह मुकाबला नहीं हो सका। पिछले वर्षों में, एक डीजे पर 300 से 700 युवा नाचते हैं, जिससे माहौल और भी उत्साहपूर्ण बन जाता है।
डीजे की लागत और तकनीकी विशेषताएँ
सार्जन डीजे की कीमत 8 लाख रुपये है, जबकि रावण डीजे की लागत 7 लाख 50 हजार रुपये है। अन्य डीजे जैसे कसाना और चौधरी की बुकिंग भी लाखों में हुई है। इन डीजे में 40 से 80 स्पीकर लगाए जाते हैं, जो धुन को और भी प्रभावशाली बनाते हैं।