Greater Noida News : हमारे समाज में न्याय की बात तो बहुत होती है, लेकिन जब बात न्यायपालिका तक पहुंचने की आती है तो कई बार न्याय मिलने के बजाय अन्याय का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, गांव खेड़ा चौगानपुर में एक महिला, रूबी, अपने परिवार को बेघर होने से बचाने के लिए न्यायालय पहुंची। शुक्रवार दोपहर 2:00 बजे, जब वह न्यायालय में थी, आरोपियों ने उसके घर को तोड़ दिया। जब तक वह अपने घर पहुंची, तब तक वह बेघर हो चुकी थी।
पीड़िता की कहानी
रूबी ने बताया कि उसका पति, धर्मेंद्र, नशे का आदी है। उसने कई बार अपने पति को नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया है। हाल ही में, जब धर्मेंद्र नशा मुक्ति केंद्र से वापस लौटा, तो उसके जेठ, रविंद्र, ने उसके साथ मिलकर उसके मकान का सौदा कर लिया और उसे छीनने के प्रयास करने लगे। सुबह के समय भी उन्होंने मकान को तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन रूबी ने पुलिस को शिकायत दी, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मकान को बचाया।
न्यायालय की कार्रवाई
जब रूबी न्यायालय गई, तो उसकी अनुपस्थिति में उसके पति और जेठ ने मकान को तुड़वा दिया। मौके पर मौजूद कुछ लोगों का कहना है कि इस दौरान पुलिस ने बाद में कोई कार्रवाई नहीं की।
न्याय की मांग
इस घटना ने न्यायपालिका पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। एक तरफ जहां महिला न्याय की आस लगाए न्यायालय पहुंची, वहीं दूसरी तरफ उसे घर से बेदखल कर दिया गया। इस मामले में पीड़ित महिला के पैरवी कर रहे अधिवक्ता गजराज नागर ने न्यायालय में आपराधिक और सिविल वाद दायर किए हैं। उन्होंने थाना ईकोटेक थर्ड के थाना प्रभारी से बात की, जिन्होंने मामले में तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया।
प्रतिक्रिया
ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन के अध्यक्ष गजेंद्र खारी और सचिव अरुण प्रताप सिंह ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि पीड़ित को न्याय अवश्य मिलना चाहिए और जो भी इस कार्रवाई के आरोपी हैं, उन्हें न्यायालय जरूर सजा देगा।