Noida farmers Protest: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर 160 से ज्यादा किसान अपनी दस प्रमुख मांगों को लेकर धरना दे रहे थे। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया, जब वे महामाया फ्लाईओवर के पास इकट्ठा होकर दिल्ली के लिए रवाना होने का प्रयास कर रहे थे।
- मुआवजा और रोजगार: किसान 10% प्लॉट, 64.7 प्रतिशत बढ़ा हुआ मुआवजा, नई भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार बाजार दर का चार गुना मुआवजा, 20% प्लॉट दिए जाने और भूमिदर – भूमिहीन किसानों के सभी बच्चों को रोजगार तथा पुनर्वास के सभी लाभ दिए जाने की मांग कर रहे1 थे।
नोएडा पुलिस ने दलित प्रेरणा स्थल आंदोलन कर रहे करीब 700 किसानों को हिरासत में लिया।#FarmersProtest @noidapolice pic.twitter.com/6KJvzjopRO
— Bharatiya Talk (भारतीय टॉक न्यूज़) (@BTalknews) December 3, 2024
पुलिस और किसानों के बीच टकराव
किसान दलित प्रेरणा स्थल के गेट नंबर -2 के अंदर धरने पर बैठ गए थे। सुबह से ही किसानों और पुलिस के आला अधिकारियों के बीच रस्सा-कशी का दौर जारी रहा। पुलिस आयुक्त शिव हरी मीणा ने किसानों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसानों ने धरना समाप्त करने से इनकार कर दिया।
नोएडा पुलिस ने दलित प्रेरणा स्थल आंदोलन कर रहे करीब 700 किसानों को हिरासत में लिया।#FarmersProtest @noidapolice pic.twitter.com/6KJvzjopRO
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गिरफ्तारी की प्रक्रिया
दोपहर डेढ़ बजे के करीब, पुलिस ने धरना दे रहे किसानों को हिरासत में ले लिया। गिरफ्तार किए गए किसानों में प्रमुख नेता जैसे सुखबीर खलीफा और पवन खटाना शामिल हैं। उन्हें लुक्सर जेल भेजा गया है, लेकिन पुलिस ने गिरफ्तारी के कारणों पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया।
- प्रशासन का रवैया: किसान नेताओं का आरोप है कि प्रशासन उनकी जायज मांगों को पूरा करने की बजाय बलपूर्वक धरने को समाप्त करने में लगा हुआ है।
- पुलिस की कार्रवाई: किसानों का आरोप है कि पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान उनके साथ धक्का-मुक्की की।
यातायात व्यवस्था पर प्रभाव
पुलिस ने इस दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारु रखा और कहीं भी जाम नहीं होने दिया। कल किसानों के प्रदर्शन के कारण नोएडा में यातायात जाम की स्थिति बनी रही थी।
किसानों का अनिश्चितकालीन धरना
किसान पहले बीच सड़क पर धरना देकर बैठे, फिर दलित प्रेरणा स्थल पर अनिश्चितकालीन धरने पर चले गए। रात होते-होते, किसानों ने वहां पर खाना बनाने की व्यवस्था की और ठंड से बचने के लिए रजाई और अलाव का सहारा लिया।
प्रशासन की मंशा पर सवाल
भारतीय किसान यूनियन के उपाध्यक्ष पवन खटाना ने प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस किसानों को धरना स्थल पर पहुंचने से रोक रही है और उनकी जायज मांगों को पूरा करने के बजाय बलपूर्वक धरने को समाप्त करने में लगी है।
संघर्ष की भावना
किसान एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने कहा कि किसान गिरफ्तारी से डरने वाले नहीं हैं और अपनी जायज मांगों के लिए संघर्ष करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि किसान वर्षों से अपनी मांगों को लेकर दर-दर भटक रहे हैं और प्रशासन उनकी मांगों को पूरा करने के बजाय उन्हें गिरफ्तार कर रहा है।
समर्थन और एकजुटता
धरना दे रहे किसानों ने रागिनी गाकर और जोशीले भाषणों के माध्यम से एक-दूसरे का मनोबल बढ़ाया। कुछ राजनीतिक दलों ने भी किसानों के धरना प्रदर्शन का समर्थन किया है, जो इस आंदोलन की एकजुटता को दर्शाता है।