ट्राइसिटी न्यूज़ पोर्टल के संपादक पंकज पाराशर के खिलाफ एफआईआर, प्राधिकरण की गोपनीय जानकारी मांगने और धमकाने का आरोप

FIR against Tricity News Portal editor Pankaj Parashar, accused of demanding confidential information of the authority and threatening

Bharatiya Talk
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ट्राइसिटी न्यूज़ पोर्टल के संपादक पंकज पाराशर के खिलाफ एफआईआर, प्राधिकरण की गोपनीय जानकारी मांगने और धमकाने का आरोप

Greater Noida / भारतीय टॉक न्यूज़ : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में कार्यरत एक संविदा कर्मी की शिकायत पर ट्राइसिटी न्यूज़ पोर्टल के संपादक पंकज पाराशर और अन्य के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया गया है। सूरजपुर कोतवाली पुलिस ने यह एफआईआर दर्ज की है। शिकायतकर्ता, कुलदीप कुमार, जो प्राधिकरण में कार्यरत हैं, ने आरोप लगाया है कि पंकज पाराशर और अन्य ने उनसे प्राधिकरण के सॉफ्टवेयर से संबंधित गोपनीय जानकारी मांगने का प्रयास किया और इनकार करने पर उन्हें नौकरी से निकलवाने और जान से मारने की धमकी दी।

प्राधिकरण कर्मी ने दर्ज कराई एफआईआर

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में संविदा पर काम कर रहे कुलदीप कुमार ने सूरजपुर कोतवाली में एक रिपोर्ट दर्ज कराई है। इस रिपोर्ट में, उन्होंने गामा एक सेक्टर निवासी राजेंद्र सिंह, ट्राइसिटी न्यूज़ पोर्टल के मालिक पंकज पाराशर, और संपादक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस ने इस शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।

गोपनीय जानकारी मांगने और धमकाने का आरोप

कुलदीप कुमार ने अपनी शिकायत में बताया है कि राजेंद्र सिंह, पंकज पाराशर, और संपादक लगातार उनसे प्राधिकरण के सॉफ्टवेयर से जुड़ी गोपनीय जानकारियाँ साझा करने का दबाव बना रहे थे। जब कुलदीप ने उनकी मांग को मानने से इनकार कर दिया, तो आरोपियों ने उन्हें नौकरी से निकलवाने और जान से मारने की धमकी दी। कुलदीप का कहना है कि वह आरोपियों के इस व्यवहार से भयभीत हैं और उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है।

पुराने मामले का ज़िक्र – 300 करोड़ के घोटाले की खबर।।

शिकायत में सितंबर 2022 में ट्राइसिटी न्यूज़ पोर्टल द्वारा प्रकाशित एक खबर का भी जिक्र है। उस खबर में पोर्टल ने सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट में 300 करोड़ रुपये के घोटाले का दावा किया था और तत्कालीन सीईओ और जीएम प्लानिंग को भी इस घोटाले से जोड़ा था। कुलदीप कुमार ने दावा किया है कि यह खबर पूरी तरह से गलत थी, क्योंकि वास्तव में उस प्रोजेक्ट की कुल लागत केवल 63 करोड़ रुपये थी। उन्होंने इस झूठी खबर का विरोध किया था, जिसके बाद से ही उन्हें आरोपियों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है।

फर्जी नियुक्ति की झूठी खबरें चलाने का आरोप

कुलदीप कुमार ने यह भी आरोप लगाया है कि जब उन्होंने आरोपियों की मांग के अनुसार अंदरूनी जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया, तो ट्राइसिटी न्यूज़ पोर्टल ने उनके खिलाफ फर्जी नियुक्ति की झूठी खबरें प्रसारित करना शुरू कर दिया। कुलदीप का कहना है कि इससे उनकी छवि धूमिल हुई है और उन्हें मानसिक रूप से काफी परेशानी हुई है।

पुलिस ने शुरू की जांच

डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि सूरजपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। पुलिस सभी आरोपों की तथ्यात्मक जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

 

 

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