Noida News : हिंडन नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण नोएडा और ग्रेटर नोएडा के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हाल ही में हुई बारिश के बाद, नदी का जलस्तर और भी बढ़ गया है, और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ एनसीआर में आगामी दिनों में भारी बारिश की संभावना है। हिंडन नदी जो गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच बहती है, यमुना नदी में मिलती है।
निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा
गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा तक हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में हजारों मकान बन चुके हैं, और अतिक्रमण की समस्या भी बढ़ती जा रही है। यदि जलस्तर और बढ़ता है, तो इन निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो सकता है। इसके अलावा, आसपास के गांवों में भी पानी घुसने की आशंका है।
रिवरफ्रंट विकास की योजना
इस बीच, प्रशासन ने हिंडन नदी के किनारों को विकसित करने की योजना बनाई है, जो गुजरात के साबरमती रिवरफ्रंट की तर्ज पर होगी। नोएडा अथॉरिटी ने हिंडन नदी के संरक्षण के लिए एक 6 सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो पिछले 100 वर्षों के बाढ़ के पैटर्न का अध्ययन करेगी। इस योजना का बजट लगभग 10,000 करोड़ रुपये है।
परिवारों को स्थानांतरित करने की आवश्यकता
इस योजना के तहत, हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में रहने वाले हजारों परिवारों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जाएगा। अनुमान है कि लगभग 10,000 परिवारों को यहां से हटाया जाएगा, जिसके लिए 4,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, रिवरफ्रंट के विकास के लिए किसानों से भूमि अधिग्रहण किया जाएगा, जिसमें 1,500 करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं।
2013 से लंबित योजना
यह योजना 2013 से प्रस्तावित है, लेकिन बजटीय बाधाओं के कारण अब तक लागू नहीं हो पाई है। इसका मुख्य उद्देश्य 3,781 हेक्टेयर बाढ़ मैदानों का संरक्षण और विकास करना है।