विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी: 9 अभियुक्त गिरफ्तार , धोखाधड़ी का पर्दाफाश

Lokesh kumar
4 Min Read
विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी: 9 अभियुक्त गिरफ्तार , धोखाधड़ी का पर्दाफाश

Noida News : नोएडा के थाना सेक्टर-63 पुलिस ने विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में 6 महिलाओं सहित कुल 9 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके कब्जे से 24 लैपटॉप, एक टैबलेट, कंप्यूटर, स्वाइप मशीन, तीन पेमेन्ट क्यूआर कोड और 10 मोबाइल फोन बरामद किए हैं।

शिकायतों की बाढ़

एडीसीपी सेंट्रल नोएडा, ह्रदयेश कठेरिया ने बताया कि साइबर हेल्प डेस्क पर कई शिकायतें आई थीं, जिसमें बताया गया था कि BEYOND SPARK OVERSEAS नाम की कंपनी विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी कर रही है। शिकायतकर्ता प्रमोद राघवन और अन्य पीड़ितों ने इस कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

जांच का सिलसिला

पुलिस ने BEYOND SPARK OVERSEAS में जाकर जांच की, जहां सोनू कुमार ने बताया कि वह कंपनी में मैनेजर है। उसने बताया कि कंपनी के डायरेक्टर पंकज और मनप्रीत कौर के निर्देश पर वह फेसबुक और इंस्टाग्राम से नौकरी के इच्छुक लोगों की जानकारी इकट्ठा करते हैं। इसके बाद, सेल्स टीम के सदस्य आवेदकों को कॉल और व्हाट्सएप के माध्यम से नौकरी का प्रलोभन देते हैं।

पीड़ितों की कहानी

जांच के दौरान, एक पीड़ित ओम प्रकाश ने बताया कि उसने अपने बेटे के लिए कनाडा में नौकरी लगवाने के लिए एक वर्ष पहले 70,000 रुपये दिए थे, लेकिन न तो उसे पैसे वापस मिले और न ही नौकरी। ऐसे कई अन्य पीड़ित भी हैं जिन्होंने इसी तरह की ठगी का सामना किया है।

पुलिस की कार्रवाई

6 सितंबर 2024 को पुलिस ने स्थानीय इंटेलिजेंस के आधार पर कार्रवाई की और गिरोह के 9 सदस्यों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्तों में पंकज कुमार, सोनू कुमार, राहुल सरोज, मनप्रीत कौर, प्रशंसा कुलश्रेष्ठ, दिपाली, महिमा अग्रवाल, ममता यादव और तनिष्का शर्मा शामिल हैं।

ठगी का तरीका

अभियुक्तों ने फेसबुक और इंस्टाग्राम से ऐसे लोगों की जानकारी इकट्ठा की जो विदेश में नौकरी करना चाहते थे। फिर, उन्हें उच्च वेतन वाली नौकरियों का प्रलोभन देकर लाखों रुपये ठगे। आवेदकों से पहले चरण में पैसे लिए जाते थे और बाद में उन्हें कागजात में कमी निकालकर परेशान किया जाता था।

पूछताछ में खुलासे

कंपनी के डायरेक्टर पंकज ने बताया कि यह कंपनी उसकी पत्नी मनप्रीत कौर के नाम रजिस्टर्ड है। उन्होंने स्वीकार किया कि वे केवल आवेदकों से पैसे ठगने के उद्देश्य से काम कर रहे थे और न ही किसी की फाइल इमीग्रेशन विभाग में भेजी गई थी।

बरामदगी का विवरण

पुलिस ने अभियुक्तों के पास से 24 लैपटॉप, एक एपल टैब, एक सीपीयू, एक एलईडी, दो कीबोर्ड, दो माउस, 10 लैपटॉप चार्जर, एक स्वाइप मशीन और 10 मोबाइल फोन बरामद किए हैं।

पंजीकृत अभियोग

इस मामले में मु0अ0सं0 396/2024 धारा 318(4)/316(2)/111 बीएनएस व 66 डी आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस टीम की सराहना

गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में उ0नि0 राजेन्द्र सिंह, उ0नि0 मनेन्द्र प्रताप सिंह और उ0नि0 राकेश बाबू शामिल थे। उनकी मेहनत और तत्परता के लिए उन्हें सराहा गया है।

 

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