Greater Noida / भारतीय टॉक न्यूज़: नोएडा साइबर क्राइम पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए दो ऐसे शातिर साइबर अपराधियों को धर दबोचा है जो लोगों को लोन दिलाने का झांसा देकर धोखाधड़ी करते थे। इन अपराधियों ने मैजिक पेन के जरिए चेक में बदलाव कर एक व्यक्ति से सवा पांच लाख रुपये ठग लिए थे। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
धोखाधड़ी का तरीका:
पुलिस के अनुसार, यह मामला 9 अप्रैल 2025 को सामने आया जब नोएडा साइबर क्राइम पुलिस को सूचना मिली कि कुछ साइबर अपराधी लोगों को लोन दिलाने के नाम पर ठगी कर रहे हैं। जांच में पता चला कि आरोपियों ने एक पीड़ित से संपर्क किया जो एसयूवी-700 कार खरीदना चाहता था। आरोपियों ने खुद को फाइनेंसर बताकर पीड़ित को जल्दी लोन दिलाने का वादा किया। इसके बाद, उन्होंने पीड़ित से लोन के लिए चेक लिए और उस पर मैजिक पेन से हस्ताक्षर करवाए। इस मैजिक पेन की मदद से उन्होंने चेक पर लिखे शब्दों को मिटा दिया और अपनी मर्जी से रकम भर दी। उन्होंने अकाउंट पेयी चेक को बदलकर सेल्फ पे कर दिया और पीड़ित के जाली हस्ताक्षर कर हरियाणा के बल्लभगढ़ स्थित एसबीआई बैंक की शाखा से 5 लाख 25 हजार रुपये निकाल लिए।
घटना का विवरण:
पीड़ित ने 24 मार्च 2025 को स्थानीय थाने में इस घटना की लिखित शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। जांच में पता चला कि एक साइबर अपराधी राजीव ढींगरा, जिसने खुद को आशीष बताया था, ने पीड़ित से संपर्क किया था। उसने पीड़ित को बताया कि वह एक फाइनेंसर है और कई डीलरों को जानता है, जिससे वह उसकी कार का फाइनेंस जल्दी करवा देगा। इसके बाद, राजीव ढीगरा अपने एक साथी प्रेम प्रकाश सिंह को लेकर पीड़ित के घर गया और उससे लोन के नाम पर दो चेक लिए, जिन पर 34265-34265 रुपये की राशि अंकित थी। आरोपियों ने इन्हीं चेकों पर मैजिक पेन से हस्ताक्षर करवाए और फिर उनमें हेरफेर कर 5 लाख 25 हजार रुपये निकाल लिए। आरोपियों ने पीड़ित को लेनदेन की जानकारी न हो, इसके लिए उसके मोबाइल नंबर को कस्टमर केयर में फोन करके बंद भी करा दिया था।
आरोपियों की गिरफ्तारी और पूछताछ:
पुलिस ने तकनीकी जांच और गुप्त सूचना के आधार पर 9 अप्रैल 2025 को मुख्य आरोपी राजीव ढीगरा को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने अपने साथी प्रेम प्रकाश सिंह के बारे में भी जानकारी दी, जिसे भी उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने गूगल के माध्यम से किसी व्यक्ति का आधार कार्ड प्राप्त किया था, जिस पर मॉर्फिंग कर फोटो बदलकर बिना बायोमेट्रिक के सिम कार्ड हासिल कर लिया था। इन फर्जी सिम कार्डों का इस्तेमाल उन्होंने पीड़ित से बात करने के लिए किया था। घटना के बाद, उन्होंने अपराध में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन और मैजिक पेन को तोड़कर हिंडन नदी के पास फेंक दिया था।
गिरफ्तार आरोपियों का विवरण:
🔸राजीव धींगरा पुत्र मुरलीधर ढींगरा, उम्र करीब 47 वर्ष
🔸प्रेम प्रकाश सिंह पुत्र स्वर्गीय अरुण प्रकाश सिंह, उम्र करीब 41 वर्ष
साइबर जागरूकता सुझाव:
पुलिस ने इस घटना के बाद लोगों से साइबर अपराधों से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव साझा किए हैं:
🔸साइबर संबंधी किसी भी समस्या के लिए साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 या वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
🔸बैंक कभी भी क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, पैन कार्ड या आधार कार्ड अपडेट करने के लिए कोई लिंक नहीं भेजते हैं।
🔸 अगर आपको किसी अनजान नंबर से कॉल आती है और फोन करने वाला खुद को फाइनेंसर, डीलर या टेलीकॉम कंपनी का कर्मचारी बताता है, तो तुरंत उस पर विश्वास न करें। पूरी जानकारी हासिल किए बिना अपनी निजी जानकारी साझा न करें।
🔸यदि आप किसी बैंक या निजी संस्था से लोन ले रहे हैं, तो लोन की प्रक्रिया पूरी होने और संबंधित संस्था से पुष्टि होने तक अपनी निजी जानकारी या किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर न करें।
🔸 लोन या किसी अन्य वित्तीय लेनदेन से संबंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से पहले उन्हें ध्यान से पढ़ें और हमेशा अपने पेन का इस्तेमाल करें, क्योंकि धोखेबाज मैजिक पेन जैसे उपकरणों का इस्तेमाल करके आपके हस्ताक्षर का नमूना ले सकते हैं और उसका दुरुपयोग कर सकते हैं।