Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़: ग्रेटर नोएडा में थाना इकोटेक-3 पुलिस और काउंटर-रिस्पॉन्स टीम (सीआरटी) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अंतरराज्यीय गांजा तस्कर गिरोह का पर्दाफाश किया है। टीम ने संयुक्त कार्रवाई के दौरान दो शातिर तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 1 कुन्तल 64 किलो 700 ग्राम अवैध गांजा बरामद किया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस खेप की कीमत लगभग 30 लाख रुपये आंकी गई है। तस्करों ने पुलिस और टोल चेकिंग से बचने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया था, वे ट्रक में ग्रेनाइट पत्थरों के नीचे गांजा छिपाकर ले जा रहे थे।
ऐसे हुआ तस्करी का पर्दाफाश
डीसीपी सेंट्रल नोएडा, शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि सोमवार को पुलिस टीमें खेड़ा चौगानपुर गोलचक्कर पर संदिग्ध वाहनों की जांच कर रही थीं। इसी दौरान एक मुखबिर ने सूचना दी कि एक ट्रक में ग्रेनाइट पत्थरों की आड़ में भारी मात्रा में गांजा ले जाया जा रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस ने घेराबंदी कर बताए गए ट्रक को रोक लिया। ट्रक में चालक अलीहसन और मालिक योगेन्द्र सिंह सवार थे।
सख्ती से पूछताछ करने पर दोनों ने गांजा तस्करी की बात कबूल कर ली। जब ट्रक की तलाशी ली गई, तो ग्रेनाइट स्लैब के नीचे छिपाकर रखे गए 6 प्लास्टिक के बोरे मिले। इन बोरों को खोलने पर 31 बंडलों में बंधा हुआ गांजा बरामद हुआ, जिसका कुल वजन 164.7 किलोग्राम निकला।
ओडिशा से चलता था तस्करी का नेटवर्क
पूछताछ में आरोपियों ने अपने पूरे नेटवर्क का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि वे यह गांजा ओडिशा के एक सप्लायर अरविंद किशोर उर्फ टोनी से खरीदते थे। इसके बाद तस्करी के रास्ते को सुरक्षित बनाने के लिए वे आंध्र प्रदेश से ग्रेनाइट पत्थर ट्रक में लोड करते थे और उसी के बीच गांजा छिपाकर जयपुर (राजस्थान) और अन्य राज्यों में सप्लाई करने के लिए ले जा रहे थे। इस तरीके से उन्हें रास्ते में चेकिंग के दौरान पकड़े जाने का डर कम रहता था। पुलिस ने मुख्य सप्लायर अरविंद किशोर को वांछित घोषित कर दिया है और उसकी तलाश में जुट गई है।
दोनों आरोपियों का है पुराना आपराधिक इतिहास
पुलिस के अनुसार, पकड़े गए दोनों आरोपी पेशेवर अपराधी हैं और पहले भी नशीले पदार्थों की तस्करी के मामलों में जेल जा चुके हैं। आरोपी अलीहसन, जो एटा का रहने वाला है, 2019 में ओडिशा से गांजा तस्करी के मामले में गिरफ्तार हुआ था और 14 महीने जेल में रहा था। वहीं, हाथरस निवासी ट्रक मालिक योगेन्द्र सिंह 2018 में फिरोजाबाद में एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार हुआ था और 27 महीने जेल की सजा काट चुका है।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है और इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की जानकारी जुटा रही है। पुलिस का मानना है कि इस गिरफ्तारी से गांजा तस्करी के एक बड़े नेटवर्क को तोड़ने में मदद मिलेगी।