Noida News / भारतीय टॉक न्यूज़ : गौतमबुद्ध नगर जिला शुल्क नियामक समिति ने निजी स्कूलों में मनमानी फीस वृद्धि और अन्य अनियमितताओं को लेकर सख्त रुख अपनाया है। शुक्रवार को जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में समिति ने 76 स्कूलों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही स्कूलों को फीस का पूरा विवरण वेबसाइट पर 60 दिन के भीतर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। समिति ने जांच के लिए 7 कमेटियां भी गठित की हैं।
अवैध फीस वसूली पर तीन स्कूलों को नोटिस, वापसी के आदेश
बैठक में जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि जिले के 144 विद्यालयों में से तीन – अमर पब्लिक स्कूल सेक्टर-37 नोएडा, पारस पब्लिक स्कूल, मिल्क लिच्छी और संत किशोरी विद्या मंदिर सेक्टर-158 नोएडा – ने अनुमन्य फीस वृद्धि (5% + सीपीआई) से अधिक फीस वसूली है। इस पर समिति ने इन तीनों स्कूलों के संचालकों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा है। समिति ने तत्काल प्रभाव से इन स्कूलों को छात्रों से वसूली गई अतिरिक्त फीस वापस करने के भी निर्देश दिए हैं।
फीस विवरण न देने वाले 76 स्कूलों पर एक लाख का जुर्माना
समिति ने उन 76 विद्यालयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है जिन्होंने इस वर्ष की फीस वृद्धि का कोई विवरण जिला शुल्क नियामक समिति के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया था। इन सभी स्कूलों पर उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम, 2018 के तहत एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही, इन विद्यालयों को कारण बताओ नोटिस जारी कर एक सप्ताह में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है।
वेतन वृद्धि का विवरण और वेबसाइट पर फीस अपलोड करना अनिवार्य
समिति ने सभी निजी स्कूलों को शैक्षणिक सत्र 2024-25 के मुकाबले 2025-26 में किए गए वेतन वृद्धि का विवरण एक सप्ताह के भीतर समिति के कार्यालय में जमा करने का आदेश दिया है। इसके अतिरिक्त, स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वे जो भी शुल्क वृद्धि करें, उसे 60 दिन पहले अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें और इसकी सूचना समिति कार्यालय को भी दें।
ड्रेस में बार-बार बदलाव पर होगी कार्रवाई, गठित हुईं 7 जांच समितियां
बैठक में उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम, 2018 की धारा 3 (11) का हवाला देते हुए कहा गया कि यदि कोई विद्यालय 5 वर्ष से पहले ड्रेस में परिवर्तन करता है तो उसके खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी। समिति ने तहसील स्तर पर सिटी मजिस्ट्रेट/उपजिलाधिकारी/तहसीलदार की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की टीम गठित कर स्कूलों का निरीक्षण कराने का निर्णय लिया है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी विद्यालय अभिभावकों को जूते, मोजे और ड्रेस आदि खरीदने के लिए बाध्य न करे। शिकायतों की स्थिति में प्रशासनिक अधिकारी स्कूलों की जांच करेंगे और दोषी पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई प्रस्तावित करेंगे। इसके लिए नोएडा के सिटी मजिस्ट्रेट, दादरी के उपजिलाधिकारी, सदर के उपजिलाधिकारी, जेवर के उपजिलाधिकारी, दादरी के तहसीलदार, सदर के तहसीलदार और डिप्टी कलेक्टर वेद प्रकाश पाण्डेय की अध्यक्षता में 7 जांच समितियों का गठन किया गया है।
अभिभावक संघ ने फैसले का किया स्वागत
गौतमबुद्धनगर पेरेंट्स वेल्फेयर सोसाइटी (जीपीडब्ल्यूएस) के संस्थापक मनोज कटारिया ने जिला शुल्क नियामक समिति के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई उन अभिभावकों के लिए राहत की खबर है जो स्कूलों की मनमानी से परेशान थे। उन्होंने यह भी कहा कि दो साल पहले भी स्कूलों पर जुर्माना लगाया गया था, लेकिन अभिभावकों को उस कार्रवाई की जानकारी नहीं मिली थी, जिससे वे निराश थे। इस बार 76 स्कूलों पर बड़ी कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले ये विद्यालय सरकारी कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं।