गौतमबुद्धनगर पुलिस की बड़ी कामयाबी: ढाई साल में 668 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया, पुनर्वास पर विशेष जोर

Gautam Buddha Nagar Police's big success: 668 child labourers freed in two and a half years, special emphasis on rehabilitation

Partap Singh Nagar
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गौतमबुद्धनगर पुलिस की बड़ी कामयाबी: ढाई साल में 668 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया, पुनर्वास पर विशेष जोर

 

Greater Noida/ Bharatiya Talk: पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर, श्रीमती लक्ष्मी सिंह के निर्देशन एवं डीसीपी महिला सुरक्षा के कुशल पर्यवेक्षण में, कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस बाल मजदूरी और बच्चों के शोषण के विरुद्ध लगातार ठोस कदम उठा रही है। इसी प्रतिबद्धता के तहत, 1 जनवरी 2023 से अब तक, पिछले लगभग ढाई वर्षों की अवधि में, पुलिस ने विभिन्न होटल-ढाबों और अन्य कार्यस्थलों से कुल 668 नाबालिग बच्चों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर उनके परिजनों को सौंपा है। यह अभियान न केवल बच्चों को शोषण से बचाता है बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का भी प्रयास करता है।

शोषण के ठिकानों की पहचान और प्रभावी कार्रवाई

पुलिस द्वारा बाल श्रम के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाते हुए विशेष सतर्कता और निगरानी बरती गई। सर्वप्रथम, उन स्थानों की गहनता से पहचान की गई जहाँ नाबालिग बच्चों से जबरन मजदूरी या अन्य कार्य कराए जाने की आशंका थी। कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर के अंतर्गत ऐसे सभी चिन्हित स्थानों पर पुलिस टीमों द्वारा विशेष अभियान चलाए गए, जिसके परिणामस्वरूप जबरन बाल मजदूरी जैसे अपराधों पर प्रभावी ढंग से रोक लगाई जा सकी है।

 विशेष अभियान के तहत व्यापक बचाव कार्य

1 जनवरी 2023 से 30 अप्रैल 2025 तक की अवधि में, कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस ने एक सघन विशेष अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान होटलों और ढाबों पर काम कर रहे कुल 165 बच्चों तथा अन्य विभिन्न स्थानों पर मजदूरी के काम में लिप्त 502 बच्चों को रेस्क्यू किया गया। इसी क्रम में, एक उल्लेखनीय मामले में, दिनांक 11 नवंबर 2024 को थाना सेक्टर-142 क्षेत्र के अंतर्गत एक सोसाइटी के फ्लैट में एक नाबालिग बच्ची से जबरन घरेलू काम कराए जाने की सूचना पर स्थानीय पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए छापा मारा। बच्ची को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया और फ्लैट मालिक व उसकी पत्नी के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर कानूनी कार्यवाही अमल में लाई गई।

 बच्चों का पुनर्वास और सामाजिक पुनर्एकीकरण

कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस की भूमिका केवल बच्चों को रेस्क्यू करने तक सीमित नहीं है। पुलिस ने विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं और सरकारी विभागों के सहयोग से इन बच्चों को पुनर्वास सेवाएँ और आवश्यक सहायता भी प्रदान की है। सभी रेस्क्यू किए गए बच्चों की शिक्षा और अन्य बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित करने के साथ-साथ, पुलिस टीमों द्वारा उनके परिजनों को भविष्य में बच्चों से मजदूरी न कराने की सख्त चेतावनी दी गई है और ऐसा करने पर कानूनी कार्यवाही के बारे में भी सचेत किया गया है। बच्चों और उनके परिवारों की नियमित काउंसलिंग भी की जा रही है ताकि उन्हें शिक्षा के महत्व को समझाकर समाज की मुख्यधारा से पुनः जोड़ा जा सके, जिससे भविष्य में इन बच्चों को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें।

 बाल मजदूरी मुक्त समाज हेतु निरंतर जागरूकता अभियान

पुलिस कमिश्नर श्रीमती लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में, कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर को बाल मजदूरी से पूर्णतः मुक्त बनाने की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है। इसके तहत, पुलिस अधिकारीगण द्वारा नियमित रूप से झुग्गी-झोपड़ी बस्तियों एवं अन्य संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा कर स्थानीय लोगों के साथ संवाद स्थापित किया जा रहा है। उन्हें अपने बच्चों को मजदूरी के बजाय शिक्षा देकर एक बेहतर और उज्ज्वल भविष्य प्रदान करने के लिए प्रेरित और जागरूक किया जा रहा है।

गौतमबुद्धनगर पुलिस द्वारा बाल श्रम के विरुद्ध चलाया जा रहा यह अभियान अत्यंत सराहनीय है। इन प्रयासों से न केवल मासूम बच्चों को शोषण के चंगुल से बचाया जा रहा है, बल्कि उनके शिक्षा और विकास के अधिकार को भी सुनिश्चित किया जा रहा है, जो एक स्वस्थ और प्रगतिशील समाज के निर्माण के लिए अनिवार्य है।

 

 

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