Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़: – उत्तर प्रदेश पुलिस के महत्वाकांक्षी अभियान ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। गौतम बुद्ध नगर के थाना सेक्टर-63 में दर्ज बलात्कार और POCSO एक्ट के एक गंभीर मामले में, माननीय न्यायालय ने त्वरित सुनवाई करते हुए आरोपी शैलेश कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला महिला और बाल सुरक्षा के प्रति पुलिस और न्यायपालिका की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 2022 का है, जब थाना सेक्टर-63 में मुकदमा अपराध संख्या 72/2022 दर्ज किया गया था। आरोपी शैलेश कुमार पुत्र थान सिंह, जो कासगंज जिले का निवासी है, पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धारा 3/4, और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(2)(v) के तहत गंभीर आरोप लगाए गए थे।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट ने इसे ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ में शामिल किया। इसके बाद थाना सेक्टर-63 पुलिस, मॉनिटरिंग सेल और अभियोजन पक्ष ने मिलकर लगातार और प्रभावी पैरवी की। साक्ष्यों और दलीलों के आधार पर, माननीय न्यायालय ने शैलेश कुमार को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 65,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। जुर्माना न भरने की स्थिति में अपराधी को तीन महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ का असर
‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) द्वारा शुरू किया गया एक विशेष अभियान है, जिसका मुख्य उद्देश्य जघन्य अपराधों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में, त्वरित और प्रभावी न्यायिक प्रक्रिया सुनिश्चित करना है। इस अभियान के तहत पुलिस वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य एकत्र करती है और अभियोजन पक्ष के साथ मिलकर अदालत में मजबूत पैरवी सुनिश्चित करती है, ताकि अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जा सके।
गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट के मीडिया सेल ने इस फैसले पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह सजा अपराधियों के लिए एक कठोर चेतावनी है और पीड़ित पक्ष के लिए न्याय की जीत है। कमिश्नरेट ने यह भी स्पष्ट किया कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर “जीरो टॉलरेंस” की नीति जारी रहेगी और ऐसे मामलों में दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
इस सफल अभियोजन का श्रेय थाना पुलिस, मॉनिटरिंग सेल और अभियोजन इकाई के समन्वित प्रयासों को दिया गया है, जिनकी लगन और मेहनत से यह संभव हो सका।