Ghaziabad to Greater Noida gets Shahberry Flyover / भारतीय टॉक न्यूज़: ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (ग्रेनो) ने शाहबेरी गांव और गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक के बीच प्रस्तावित शाहबेरी फ्लाईओवर को हरी झंडी दे दी है। यह फ्लाईओवर न केवल गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट तक का सफर आसान बनाएगा, बल्कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) तक पहुंचने वाले यात्रियों के लिए भी राहत लेकर आएगा।
शाहबेरी फ्लाईओवर का प्रस्ताव और मंजूरी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) द्वारा भेजे गए शाहबेरी फ्लाईओवर के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। यह फ्लाईओवर शाहबेरी गांव से शुरू होकर क्रॉसिंग रिपब्लिक तक जाएगा, जिसकी लंबाई लगभग 3.8 किलोमीटर होगी। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद अब इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी। डीपीआर तैयार होने के बाद इसे प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में पेश किया जाएगा, और फिर शासन से अंतिम स्वीकृति ली जाएगी। इस परियोजना के पूरा होने से क्षेत्र में जाम की समस्या से निजात मिलेगी।

फ्लाईओवर की चौड़ाई और तकनीकी विवरण
सीआरआरआई ने इस फ्लाईओवर के लिए दो प्रस्ताव दिए थे, जिसमें 14 मीटर और 16 मीटर चौड़े एलिवेटेड रोड का सुझाव शामिल था। ग्रेनो प्राधिकरण ने 16 मीटर चौड़े फ्लाईओवर के प्रस्ताव को चुना है, जो इटेडा गोल चक्कर से राष्ट्रीय राजमार्ग-9 (एनएच-9) तक बनाया जाएगा। यह चौड़ाई भारी ट्रैफिक को संभालने में सक्षम होगी और गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट तक सुपरफास्ट कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। फ्लाईओवर का निर्माण शुरू होने से पहले सभी तकनीकी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी।
जेवर एयरपोर्ट और पश्चिमी यूपी के लिए लाभ
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) के 2025 में शुरू होने की उम्मीद है। इसके शुरू होने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोग गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा के रास्ते एयरपोर्ट तक पहुंचेंगे। शाहबेरी फ्लाईओवर इस मार्ग को जाम-मुक्त बनाएगा, जिससे यात्रियों का समय बचेगा। साथ ही, यह गाजियाबाद, क्रॉसिंग रिपब्लिक, और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों के लिए रोजमर्रा के सफर को भी सुगम बनाएगा। यह परियोजना क्षेत्र के समग्र विकास में भी योगदान देगी।
क्यों जरूरी है यह फ्लाईओवर?
शाहबेरी और क्रॉसिंग रिपब्लिक के बीच भारी आवाजाही के कारण अक्सर जाम की स्थिति बनती है। मौजूदा सड़क की चौड़ाई कम होने और वाहनों की संख्या बढ़ने से यह समस्या और गंभीर हो गई है। इस फ्लाईओवर के बनने से ट्रैफिक का दबाव कम होगा और लोग बिना किसी रुकावट के अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे। इसके अलावा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एयरपोर्ट के शुरू होने से पहले ही सड़क नेटवर्क को मजबूत करने में जुटा है, जिसका यह फ्लाईओवर एक अहम हिस्सा है।
अगले कदम और समयसीमा
फ्लाईओवर की डीपीआर तैयार करने का काम जल्द शुरू होगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सीआरआरआई को इस संबंध में पत्र भेज दिया है। डीपीआर के होने के बाद निर्माण कार्य शुरू करने की प्रक्रिया तेज की जाएगी। उम्मीद है कि यह परियोजना अगले कुछ वर्षों में पूरी हो जाएगी, जिससे 2025 में जेवर एयरपोर्ट के संचालन शुरू होने से पहले यह मार्ग तैयार हो सके। यह फ्लाईओवर क्षेत्र की कनेक्टिविटी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
क्षेत्रीय विकास की नई पहल
शाहबेरी फ्लाईओवर गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा और जेवर एयरपोर्ट तक की यात्रा को आसान बनाने के साथ-साथ पश्चिमी यूपी के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा। यह परियोजना न केवल ट्रैफिक समस्याओं का समाधान करेगी, बल्कि क्षेत्र में निवेश और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ाएगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की यह पहल उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में एक नया अध्याय जोड़ेगी।