Greater Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़: ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र के 20 गांवों के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। प्राधिकरण उन 787 किसानों को 6% आबादी भूखंड आवंटित करने की तैयारी में है, जिन्होंने वर्षों पहले अपनी जमीन विकास परियोजनाओं के लिए दी थी। किसानों को यह भूखंड आवंटन 2 से 3 महीने में होने की उम्मीद है, जिससे उनका लंबे समय से चला आ रहा इंतजार खत्म हो जाएगा। प्राधिकरण ने लाभार्थियों की सूची प्रकाशित कर दी है और आपत्तियां भी आमंत्रित की हैं।
प्राधिकरण ने जारी की किसानों की सूची
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 20 गांवों के उन किसानों की सूची जारी कर दी है जिन्हें 6% आबादी भूखंड आवंटित किए जाएंगे। सूची में किसानों के नाम, गांव का नाम और प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहित भूमि की मात्रा जैसी महत्वपूर्ण जानकारी शामिल है। सूची के प्रकाशन के साथ ही, प्राधिकरण ने सार्वजनिक आपत्तियां भी आमंत्रित की हैं, ताकि यदि किसी को सूची में कोई त्रुटि या आपत्ति हो तो उसे समय रहते दूर किया जा सके।
इन गांवों के किसानों को होगा फायदा
जिन 20 गांवों के किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा, वे हैं: बिसरख जलालपुर, छपरौला, नामौली, हजरतपुर, चिपियाना खुर्द उर्फ तिगरी, चूहड़पुर खादर, हैबतपुर, तिलपता करनवास, तुस्याना, हबीबपुर, मथुरापुर, मायचा, सिरसा, आमका, बिरौंडी चक्रसैनपुर, रिठौरी, रसूलपुर राय, रामपुर फतेहपुर, जैतपुर वैशपुर और गुलिस्तानपुर। इन गांवों के कुल 787 किसान इस आवंटन से लाभान्वित होंगे।
लंबे समय से चल रहा था किसानों का संघर्ष
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कई साल पहले विकास कार्यों के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था। नियमों के अनुसार, जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की जाती है, उन्हें विकसित आबादी क्षेत्र में 6% भूखंड मिलना चाहिए। हालांकि, बड़ी संख्या में किसान वर्षों से अपने 6% भूखंडों का इंतजार कर रहे थे और इसके लिए प्राधिकरण के कई चक्कर लगा चुके थे। किसानों की इस मांग के समर्थन में कई किसान संगठनों ने समय-समय पर आंदोलन भी किए। कुछ महीने पहले, संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में एक बड़ा आंदोलन भी हुआ था, जिसके बाद प्राधिकरण द्वारा एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया गया था।
2-3 महीने में भूखंड आवंटन की उम्मीद
प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि किसानों को आबादी भूखंड देने के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है और भूखंडों का आवंटन ड्रा के माध्यम से किया जाएगा। अधिकारियों का दावा है कि आवंटन प्रक्रिया दो से तीन महीने में पूरी कर ली जाएगी और किसानों को उनके भूखंड मिल जाएंगे। यह खबर उन किसानों के लिए निश्चित रूप से राहत लेकर आएगी जो लंबे समय से अपने भूखंडों का इंतजार कर रहे थे।