Greater Noida / भारतीय टॉक न्यूज़: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां सदर तहसील में तैनात एक लेखपाल और उसके एक निजी साथी द्वारा एक किसान और उसके परिजनों के साथ मारपीट का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि किसान जमीन की पैमाइश में हो रही देरी और कथित तौर पर रिश्वत मांगे जाने की शिकायत लेकर जिलाधिकारी (डीएम) कार्यालय पहुंचा था, जिससे नाराज होकर लेखपाल और उसके साथी ने इस घटना को अंजाम दिया। घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, पीड़ित किसान ललित भाटी के बेटे राजू मंगलवार (या उससे एक दिन पूर्व) को अपनी जमीन की पैमाइश के संबंध में शिकायत लेकर ग्रेटर नोएडा स्थित सदर तहसील पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि काफी समय से उनकी जमीन की पैमाइश का काम अटका हुआ था। आरोप है कि इस काम के एवज में लेखपाल सुनील द्वारा उनसे पैसों की मांग की जा रही थी। जब किसान ने इस संबंध में अपर जिलाधिकारी (एडीएम) मंगलेश दुबे से शिकायत की, तो इससे लेखपाल सुनील नाराज हो गया।
आरोप है कि इसके बाद लेखपाल सुनील और तहसील परिसर में ही जन सेवा केंद्र चलाने वाले एक निजी कर्मचारी यतीश कुमार ने किसान राजू और उनके साथ मौजूद परिजनों के साथ न सिर्फ अभद्रता की, बल्कि दौड़ा-दौड़ाकर पीटा भी। इस पूरी घटना का किसी ने वीडियो बना लिया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से मारपीट करते हुए देखा जा सकता है।
विवादों में रहा है यतीश कुमार
सूत्रों के अनुसार, आरोपी यतीश कुमार, जो तहसील परिसर में जन सेवा केंद्र संचालित करता है, पहले भी कई विवादों में घिरा रहा है। उस पर पहले भी अधिकारियों के नाम पर तहसील आने वाले लोगों से अवैध वसूली करने के आरोप लगते रहे हैं। कई शिकायतों के बावजूद उस पर कोई ठोस कार्रवाई न होने की बात भी सामने आ रही है।
प्रशासनिक कार्रवाई और जांच की मांग
घटना के बाद किसान संगठनों में रोष व्याप्त है और उन्होंने आरोपियों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है। हालांकि, अभी तक प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से इस मामले में की गई ठोस कार्रवाई, जैसे कि एफआईआर दर्ज होना या आरोपियों का निलंबन, के संबंध में विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई है। किसान और उसके परिजनों की मौजूदा स्थिति के बारे में भी अधिक जानकारी प्रतीक्षित है। यह घटना सरकारी दफ्तरों में व्याप्त भ्रष्टाचार और आम आदमी की सुनवाई न होने की एक गंभीर तस्वीर पेश करती है। मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है।