Greater Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़: ग्रेटर नोएडा की मिगसन अल्टिमो (Migsun ultimo) सोसाइटी में बुधवार रात आई आंधी के दौरान 22वीं मंजिल से ग्रिल गिरने से हुई महिला और उसके नाती की दर्दनाक मौत के मामले में अब मिगसन बिल्डर सुनील मिगलानी और मेंटेनेंस विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई भारतीय टॉक न्यूज़ (BT News) द्वारा इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाए जाने के बाद हुई है। हादसे के तीन दिन बाद स्थानीय सांसद डॉ. महेश शर्मा और दादरी विधायक तेजपाल नागर भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और उन्हें सांत्वना दी।
#MIGSUNULTIMO : न्याय की आवाज़ दबाने के लिए छीने गए महिलाओं के फोन!
ग्रेटर नोएडा के MIGSUNULTIMO सोसायटी में देर रात टहल रही महिला और उनके दो साल के नाती की आंधी में लोहे का शेड गिरने से दर्दनाक मौत हो गई। आक्रोशित निवासियों ने बिल्डर प्रबंधन की लापरवाही के खिलाफ रोड जाम… pic.twitter.com/bLbMFOZruv
— BT News |Bharatiya Talk| (@BharatiyaTalk) May 22, 2025
क्या है पूरा मामला?
बुधवार रात तेज आंधी के दौरान मिगसन अल्टिमो सोसाइटी की 22वीं मंजिल से एक ग्रिल नीचे आ गिरी। इसकी चपेट में आने से सोसाइटी निवासी जितेंद्र की 50 वर्षीय सास सुनीता और उनके 2 वर्षीय नाती आद्विक की मौके पर ही मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा इतना भयावह था कि सुनीता का सिर धड़ से अलग हो गया था। आद्विक भी गंभीर रूप से घायल हुआ था और उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
बिल्डर और मेंटेनेंस पर लापरवाही का आरोप
इस घटना के बाद से ही सोसाइटी के निवासियों में बिल्डर और मेंटेनेंस विभाग के खिलाफ भारी रोष है। निवासियों का आरोप है कि सोसाइटी में निर्माण के दौरान घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है और मेंटेनेंस विभाग भी अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रहा है। इसी के चलते पीड़ित परिवार ने सूरजपुर कोतवाली में मिगसन बिल्डर सुनील मिगलानी और मेंटेनेंस विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा (लापरवाही से मृत्यु कारित करना) के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सांसद और विधायक ने लिया सुध, मदद का आश्वासन
हादसे के तीन दिन बाद शनिवार को स्थानीय सांसद डॉ. महेश शर्मा और दादरी विधायक तेजपाल नागर पीड़ित परिवार से मिलने मिगसन अल्टिमो सोसाइटी पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार को सांत्वना दी और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। सांसद ने मौके पर ही बिल्डर सुनील मिगलानी से वीडियो कॉल पर बात की और उन्हें पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद करने के निर्देश दिए।
एक परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
इस हादसे ने पम्मी और उनके पति जितेंद्र पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया है। चार साल पहले ही पम्मी के पिता की कोरोना से मौत हो गई थी और अब उनकी मां और बेटे की भी दर्दनाक मौत हो गई। पम्मी की एक छोटी बहन भी है जो अभी पढ़ाई कर रही है। माता-पिता के जाने के बाद अब उसकी परवरिश का संकट भी खड़ा हो गया है। पम्मी और जितेंद्र दोनों इंजीनियर हैं।
सरकारी मदद, लेकिन घाव गहरे
जिला प्रशासन ने आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि दी है। यह राशि सीधे पीड़ित परिवार के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी गई है। रविवार को जिले के प्रभारी मंत्री बृजेश सिंह भी पीड़ित परिवार से मुलाकात करेंगे और उन्हें सहायता राशि का चेक सौंपेंगे। हालांकि, परिजनों का कहना है कि सरकार और प्रशासन की ओर से मदद मिल रही है, लेकिन जो उन्होंने खोया है, उसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती।
यह घटना ग्रेटर नोएडा की सोसाइटियों में सुरक्षा मानकों और निर्माण गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। यह जरूरी है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।