Greater Noida Farmer Protest: ग्रेटर नोएडा के अट्टा गुजरान में संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े 30 संगठनों ने एक आपातकालीन मीटिंग का आयोजन किया। इस मीटिंग का उद्देश्य गौतम बुध नगर में किसान आंदोलन की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करना था। विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं ने मिलकर हालात का मंथन किया और आगे की रणनीति तय की।
संगठनों की एकजुटता
इस मीटिंग में भारतीय किसान यूनियन टिकैत, जय जवान जय किसान, भारतीय किसान यूनियन महात्मा टिकैत, अखिल भारतीय किसान सभा, और अन्य कई संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। लगभग 30 संगठनों की उपस्थिति ने यह स्पष्ट किया कि किसान आंदोलन में एकजुटता और सहयोग की भावना बरकरार है।
पुलिस की बर्बरता के खिलाफ आवाज
पंचायत में यह निर्णय लिया गया कि पुलिस की बर्बरता और भय का माहौल तुरंत समाप्त किया जाए। इसके साथ ही, उन किसानों और किसान नेताओं को बिना शर्त रिहा करने की मांग की गई जो जेल में बंद हैं। सभी ने एक सद्भावपूर्ण माहौल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि वार्ता और संवाद का रास्ता खुल सके।
लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा
किसान नेताओं ने यह भी कहा कि लोकतंत्र के सभी पक्षों के अधिकारों की सुरक्षा की जानी चाहिए। धरना प्रदर्शन के माध्यम से अपनी बात रखना किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है, और इसे सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
संयुक्त किसान मोर्चा की मजबूती
इस पंचायत के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि संयुक्त किसान मोर्चा पहले की तरह एकजुट है और इस घटनाक्रम के बाद और भी मजबूत होकर अपने हक के लिए तत्पर है। यदि शासन प्रशासन और सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता है, तो संयुक्त किसान मोर्चा को दोबारा कोई बड़ा निर्णय लेने के लिए विवश होना पड़ेगा।
इस प्रकार, अट्टा गुजरान की मीटिंग ने यह स्पष्ट कर दिया कि किसान आंदोलन में एकजुटता और संघर्ष की भावना जीवित है, और किसान अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए तैयार हैं।