Greater Noida News /भारतीय टॉक न्यूज़: ग्रेटर नोएडा, 27 अगस्त 2025: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र के दर्जनों गांवों के किसान अपने हक के लिए संघर्षरत हैं। अपनी मांगों को लेकर आज, बुधवार को, किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने विधान परिषद सदस्य (MLC) श्रीचन्द शर्मा से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। किसानों ने प्राधिकरण पर समझौते के बावजूद शेष 4 प्रतिशत विकसित आबादी भूखंड न देने का आरोप लगाया है। MLC ने किसानों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक उनकी बात पहुंचाने का आश्वासन दिया है।
प्राधिकरण के आश्वासन पर किया था भरोसा
ज्ञापन सौंपने पहुंचे किसानों ने बताया कि वे उन किसानों में से हैं जिन्होंने अपनी जमीन का अधिग्रहण होने पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के साथ हुए समझौते को स्वीकार किया था और न्याय के लिए अदालत का दरवाजा नहीं खटखटाया था। प्राधिकरण ने समझौते के तहत उन्हें अन्य मुआवजे के साथ-साथ कुल अधिग्रहित भूमि का 4 प्रतिशत हिस्सा विकसित आवासीय भूखंड के रूप में देने का वादा किया था। लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद भी यह वादा पूरा नहीं किया गया है, जिससे किसानों में भारी रोष है।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल पाली, जुनपत, सैनी, तुस्याना, और घंघोला समेत कई गांवों के किसानों ने एक स्वर में कहा, “जिन लोगों ने प्राधिकरण पर भरोसा करके कोर्ट केस नहीं किया, आज वही अपने हक के लिए भटक रहे हैं। यह हमारे साथ सरासर अन्याय है। हम केवल अपना वाजिब हक मांग रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि इसे जल्द से जल्द हमें दिया जाएगा।”
MLC ने दिया मुख्यमंत्री तक बात पहुंचाने का भरोसा
माननीय विधान परिषद सदस्य श्रीचन्द शर्मा ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और उनकी मांग को जायज ठहराया। उन्होंने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा, “आपकी मांग बिल्कुल जायज है। जिन किसानों ने कानून और व्यवस्था का सम्मान करते हुए प्राधिकरण के साथ सहयोग किया, उन्हें उनका हक मिलना ही चाहिए।” उन्होंने कहा कि वे इस गंभीर विषय को लेकर जल्द ही उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखेंगे और इस समस्या के शीघ्र समाधान के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
यह मुद्दा क्षेत्र के हजारों किसानों के भविष्य से जुड़ा है, जो वर्षों से अपने भूखंड के आवंटन का इंतजार कर रहे हैं। MLC के आश्वासन के बाद अब किसानों को उम्मीद है कि उनकी आवाज शासन तक पहुंचेगी और इस समस्या का कोई ठोस समाधान निकलेगा।