Greater Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़: पनीर व्यापारियों पर कथित तौर पर मनमानी कार्रवाई करने और मौके पर पहुंचे पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान से अभद्रता के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए गौतमबुद्ध नगर की पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने रविवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए दो चौकी इंचार्जों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
क्या है पूरा घटनाक्रम?
मामले की शुरुआत शुक्रवार रात को हुई जब खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) विभाग की टीम ने जेवर टोल प्लाजा पर एक वाहन को रोककर छापेमारी की। अधिकारियों ने दावा किया कि वाहन में लदे लगभग 1200 किलोग्राम पनीर मिलावटी और सड़ा-गला है, जिससे तेज दुर्गंध आ रही थी। इसके बाद टीम ने दिल्ली भेजे जा रहे इस पनीर को मौके पर ही नष्ट कर दिया।
इस कार्रवाई का वाहन में मौजूद बुलंदशहर के तलेसरा गांव निवासी पनीर व्यापारी, उसके चालक और भवोखरा गांव के पूर्व प्रधान प्रेमवीर चौधरी ने विरोध किया। आरोप है कि मौके पर मौजूद जेवर पुलिस ने उनकी सुनवाई करने के बजाय, शांति भंग करने के आरोप में तीनों को हिरासत में ले लिया।
जब थाने पर धरने पर बैठे पूर्व केंद्रीय मंत्री
शनिवार को यह मामला तब और गरमा गया जब व्यापारी के समर्थन में भाजपा के वरिष्ठ नेता, सांसद और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान अपने समर्थकों के साथ जेवर कोतवाली पहुंच गए। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को मनमाना और तानाशाही पूर्ण बताया। डॉ. बालियान का आरोप है कि जब उन्होंने इस विषय पर पुलिस अधिकारियों से बात करने की कोशिश की, तो उनके साथ अभद्रता की गई, जिसके विरोध में वह थाने में ही धरने पर बैठ गए।
आला अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद एक्शन
पूर्व मंत्री के धरने की खबर लगते ही पुलिस के आला अधिकारियों में खलबली मच गई। आनन-फानन में वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच का आश्वासन देकर धरना समाप्त कराया। मामले की प्रारंभिक जांच के बाद रविवार को पुलिस आयुक्त ने प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए जेवर चौकी प्रभारी संसार सिंह और टोल प्लाजा चौकी प्रभारी अनूप दीक्षित को निलंबित कर दिया। अधिकारियों का कहना है कि पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच की जा रही है और किसी भी स्तर पर लापरवाही या अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।