Greater Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़: ग्रेटर नोएडा में किसानों का आक्रोश एक बार फिर सड़कों पर दिखाई देने वाला है। किसान संघर्ष मोर्चा ने प्राधिकरण और प्रशासन के उदासीन रवैये के खिलाफ 8 मार्च 2025 को सूरजपुर कलेक्ट्रेट पर महापंचायत का ऐलान किया है। यह महापंचायत अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आयोजित की जाएगी, जिसमें किसानों की लंबित समस्याओं जैसे 10% प्लॉट, आबादी निस्तारण, नए भूमि अधिग्रहण कानून और एनटीपीसी से जुड़े मुद्दों के समाधान की मांग उठाई जाएगी।
गौतमबुद्ध नगर जिले में किसानों की समस्याओं की अनदेखी पर किसान नेता भड़के, 8 मार्च को कलेक्ट्रेट पर महापंचायत की घोषणा ।@dmgbnagar @OfficialGNIDA @noidapolice #GreaterNoida pic.twitter.com/fZrRiRCUrb
— Bharatiya Talk (भारतीय टॉक न्यूज़) (@BTalknews) March 4, 2025
किसानों में आक्रोश: प्राधिकरण और प्रशासन पर उदासीनता का आरोप
किसान संघर्ष मोर्चा ने आरोप लगाया है कि प्राधिकरण और जिला प्रशासन किसानों की समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है। हाल ही में 6 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद किसानों को उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन मिला था। मुख्यमंत्री ने हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को तुरंत लागू करने के निर्देश दिए थे, लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस उदासीनता से किसानों में भारी रोष है, जिसके चलते उन्होंने महापंचायत का फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद भी नहीं मिला समाधान
6 जनवरी को लखनऊ में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने किसानों की मांगों पर सहानुभूति जताते हुए प्राधिकरण और प्रशासन को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए थे। किसान नेताओं ने जिलाधिकारी से कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन हाई पावर कमेटी की सिफारिशों पर कोई सकारात्मक प्रगति नहीं हुई। भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने कहा, “मुख्यमंत्री के निर्देशों के बावजूद प्राधिकरण और प्रशासन का रवैया निराशाजनक है। यह किसानों के साथ विश्वासघात है।”
एनटीपीसी किसानों की अनसुनी मांगें
एनटीपीसी से प्रभावित किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित हाई पावर कमेटी ने अभी तक कोई रिपोर्ट या निर्णय प्रस्तुत नहीं किया है। सुखबीर खलीफा ने बताया कि एनटीपीसी किसानों को उनकी जमीन के बदले उचित मुआवजा और पुनर्वास की मांग लंबे समय से अनसुनी पड़ी है। कमेटी की निष्क्रियता ने इन किसानों के बीच असंतोष को और बढ़ा दिया है, जिसे महापंचायत में प्रमुखता से उठाया जाएगा।
महापंचायत का उद्देश्य: समस्याओं पर निर्णायक कदम
किसान एकता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोरन प्रधान ने कहा कि हजारों किसानों के आंदोलन और मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद भी आबादी निस्तारण, नए कानून का कार्यान्वयन और 10% प्लॉट जैसे मुद्दों पर कोई प्रगति नहीं हुई है। उन्होंने कहा, “प्राधिकरण और जिलाधिकारी स्तर पर कोई सकारात्मक पहल नहीं दिख रही। इसलिए 8 मार्च को कलेक्ट्रेट पर महापंचायत कर हम अपनी मांगों को जोरदार तरीके से उठाएंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे।”
किसान संघर्ष मोर्चा की गंभीरता और एकजुटता
किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा ने बताया कि मोर्चा के तीनों घटक संगठन—भारतीय किसान परिषद, किसान एकता संघ और किसान सभा—किसानों की समस्याओं को लेकर पूरी तरह एकजुट और गंभीर हैं। उन्होंने कहा, “6 जनवरी को मुख्यमंत्री ने हमें आश्वस्त किया था, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं आया। जिलाधिकारी से बार-बार मिलने के बावजूद उनकी ओर से गंभीरता नहीं दिखी। अब महापंचायत के जरिए हम प्रशासन को जागृत करेंगे।”
महापंचायत की तैयारी और नेताओं की भागीदारी
किसान संघर्ष मोर्चा की एक बैठक में महापंचायत की तैयारियों पर चर्चा हुई, जिसमें जयप्रकाश आर्य, वीर सिंह नेताजी, कुंवरपाल प्रधान, सतीश यादव, दुर्गेश शर्मा, कृष्ण यादव, भोजराज रावल, प्रवीण चौहान, संदीप चौहान, अशोक भाटी, गुरप्रीत एडवोकेट, गोपी राम, ओमवीर पवार और धर्मेंद्र एडवोकेट जैसे प्रमुख नेता शामिल हुए। बैठक में सर्वसम्मति से 8 मार्च को कलेक्ट्रेट पर महापंचायत करने और किसानों के हक की लड़ाई को तेज करने का निर्णय लिया गया।
किसानों का हक और आगे की लड़ाई
ग्रेटर नोएडा के किसानों का यह आंदोलन उनकी वर्षों पुरानी मांगों और अधिकारों की लड़ाई का हिस्सा है। प्राधिकरण और प्रशासन की उदासीनता ने उन्हें एक बार फिर सड़क पर उतरने के लिए मजबूर किया है। 8 मार्च की महापंचायत न केवल किसानों की एकजुटता का प्रतीक होगी, बल्कि यह सरकार और प्रशासन के लिए एक बड़ा संदेश भी होगी कि किसानों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस महापंचायत के बाद किसान संघर्ष मोर्चा अपनी आगे की रणनीति तय करेगा, जो इस आंदोलन को नई दिशा दे सकती है।