ग्रेटर नोएडा: माता-पिता की हत्यारी बेटी को आजीवन कारावास, प्रेम प्रसंग बना खौफनाक अंत

Greater Noida: Life imprisonment for daughter who murdered her parents, love affair leads to a horrific end

Bharatiya Talk
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ग्रेटर नोएडा: माता-पिता की हत्यारी बेटी को आजीवन कारावास, प्रेम प्रसंग बना खौफनाक अंत

 

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा की एक अदालत ने एक दिल दहला देने वाले मामले में माता-पिता की हत्या में शामिल बेटी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला प्रेम प्रसंग से शुरू होकर एक खौफनाक अंत तक पहुंचा, जिसमें एक परिवार तबाह हो गया।

कोमल को आजीवन कारावास और 46 हजार का जुर्माना

गौतम बुद्ध नगर न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश-5 की अदालत ने बंबावड़ गांव की रहने वाली कोमल को अपने माता-पिता की हत्या के जुर्म में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने कोमल पर 46 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

2016 में प्रेमी के साथ मिलकर रची थी हत्या की साजिश

यह घटना वर्ष 2016 में घटित हुई थी, जब कोमल ने अपने प्रेमी प्रमोद शर्मा के साथ मिलकर अपने माता-पिता की हत्या की साजिश रची थी। हत्या से पहले, कोमल ने अपने दो भाईयों और दो बहनों को जहर भी दे दिया था, हालांकि उनकी जान बच गई थी। इस मामले में कोमल के प्रेमी प्रमोद शर्मा को भी दो साल पहले आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है।

कैसे दिया गया वारदात को अंजाम?

जिला शासकीय अधिवक्ता रतन सिंह भाटी के अनुसार, अगस्त 2016 में ओमप्रकाश ने बादलपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनकी बेटी कोमल, प्रमोद शर्मा के साथ उनके परिवार को कहीं ले गई है। बाद में पता चला कि कोमल ने अपने परिवार को खत्म करने की योजना बनाई थी। उसने पहले अपने भाई-बहनों को जहर दिया, फिर अपने पिता पर तराजू के बाट से हमला किया। बाद में अपने पिता का तार से गला घोंटकर हत्या कर दी और शव को नदी में फेंक दिया। अगले दिन, उसने अपनी मां की भी गला दबाकर हत्या कर दी और शव को रबूपुरा कोतवाली क्षेत्र में फेंक दिया।

पुलिस जांच और खुलासे

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि कोमल और प्रमोद के बीच प्रेम प्रसंग था और उन्होंने मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। पुलिस ने प्रमोद के एक कर्मचारी सलमान को भी गिरफ्तार किया था। बाद में प्रमोद और कोमल को भी गिरफ्तार कर लिया गया। प्रमोद की कार से हत्या में इस्तेमाल किया गया तार भी बरामद हुआ था।

अदालत में सुनवाई और फैसला

सुनवाई के दौरान, पीड़ित पक्ष की ओर से 13 गवाहों के बयान दर्ज किए गए, जिनमें कोमल का नाबालिग भाई भी शामिल था। उसने अदालत में पूरी घटना का विवरण दिया, जो सजा दिलाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ। अदालत ने सभी सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर कोमल को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोमल ने खुद को नाबालिग बताने की कोशिश की थी, लेकिन मेडिकल जांच में उसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक पाई गई।

 

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