Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 12 से अधिक किसान संगठनों ने अपनी मांगों के समर्थन में एक महापड़ाव आयोजित किया। जिले के विभिन्न गांवों से हजारों किसान सुबह से ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर पहुंचने लगे। इस आंदोलन को देखते हुए पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी सतर्क रहे, जिससे प्राधिकरण कार्यालय को पूरी तरह से पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया।
राकेश टिकैत का संदेश
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 30 वर्षों से अधिकारियों द्वारा किए गए वादे आज तक पूरे नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई आर-पार की होगी और यदि नोएडा के किसान हारते हैं, तो यह पूरे देश के किसानों की हार होगी। टिकैत ने किसानों से एकता बनाए रखने और अपनी कमेटी पर विश्वास करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “सरकार बंटोगे तो कटोगे का नारा देती है, हमारा नारा है बंटोगे तो लुटोगे।”
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसानों का हल्ला बोल
– प्राधिकरण पर किसान करेंगे महापंचायत
– ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर भारी पुलिस बल तैनात
– प्राधिकरण पर आला अधिकारियों सहित 700 पुलिसकर्मी तैनात#GreaterNoida #UttarPradesh #RakeshTikait @OfficialGNIDA @RakeshTikaitBKU @noidapolice pic.twitter.com/OYb2TrzTfs— Bharatiya Talk (भारतीय टॉक न्यूज़) (@BTalknews) November 25, 2024
पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था
संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ आने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया था और प्राधिकरण के दोनों गेट पर बैरीकेटिंग की गई थी। प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी जो सुबह कार्यालय पहुंचे थे, वे कार्यालय में ही कैद रहे। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए थे।
किसानों ने एसीईओ को लौटाया
शाम को लगभग साढ़े पांच बजे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष और अन्य अधिकारी किसानों से वार्ता करने पहुंचे। लेकिन जब अधिकारियों ने जमीन पर बैठकर वार्ता करने से मना कर दिया, तो सभी किसान संगठन के नेता नाराज हो गए और अधिकारियों को वापस लौटा दिया। कुछ समय बाद, अधिकारी दोबारा आए और जमीन पर बैठकर वार्ता की, जिससे किसानों में थोड़ी राहत आई।
आंदोलन का नया मोड़
किसान नेताओं ने स्पष्ट किया है कि यह आंदोलन अभी खत्म नहीं होगा। आंदोलन को और तेज करने के लिए 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक यमुना प्राधिकरण पर प्रदर्शन जारी रहेगा। इसके बाद 2 दिसंबर से किसान दिल्ली की ओर कूच करेंगे।