Greater Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अब अपनी जमीन का बैनामा प्राधिकरण के नाम करने के बाद किसानों को मुआवजे की राशि के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ेगा और न ही दफ्तरों के चक्कर काटने होंगे। यीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राकेश कुमार सिंह ने एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत बैनामा होते ही मुआवजे की रकम सीधे किसानों के बैंक खाते में भेज दी जाएगी।
प्राधिकरण ने यह कदम उन शिकायतों के बाद उठाया है, जिनमें किसान जमीन का बैनामा करने के बाद भी मुआवजा राशि के लिए लंबे समय तक भटकते रहते थे। कई बार यह प्रक्रिया महीनों तक खिंच जाती थी और इस दौरान कर्मचारियों पर ‘सुविधा शुल्क’ मांगने के आरोप भी लगते थे, जिससे किसानों में भारी रोष था और प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे थे।
क्या है नई व्यवस्था?
यीडa सीईओ राकेश कुमार सिंह द्वारा जारी नए निर्देशों के अनुसार, जैसे ही कोई किसान अपनी जमीन का बैनामा प्राधिकरण के पक्ष में करेगा, उसी दिन उसके बैंक खाते में मुआवजे की पूरी राशि ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी जाएगी। यदि किसी तकनीकी कारण, जैसे बैंक खाता संख्या या दस्तावेजों में किसी अन्य जानकारी के मिलान में कोई समस्या आती है, तो भी इस प्रक्रिया को अधिकतम 72 घंटों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।
सीईओ ने स्पष्ट किया है कि इस समय सीमा का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। इस कदम से न केवल किसानों का समय बचेगा, बल्कि प्रक्रिया में पारदर्शिता भी आएगी और भ्रष्टाचार की आशंका भी समाप्त होगी।
इन सेक्टरों के किसानों को मिलेगा तत्काल लाभ
यमुना प्राधिकरण वर्तमान में अपने विभिन्न औद्योगिक, आवासीय और संस्थागत परियोजनाओं के लिए बड़े पैमाने पर भूमि की खरीद कर रहा है। यह खरीद किसानों की आपसी सहमति से बैनामे के माध्यम से की जा रही है। नई मुआवजा हस्तांतरण प्रणाली का तत्काल लाभ उन किसानों को मिलेगा जिनकी जमीन सेक्टर 21, 28, 29, 32, और 33 के लिए अधिग्रहित की जा रही है। इसके अतिरिक्त, भविष्य में नियोजित होने वाले नए सेक्टरों जैसे सेक्टर 5, 8, 8ए, 8बी, 8सी, 8डी, 10, और 11 के किसानों को भी इसी प्रक्रिया के तहत मुआवजा मिलेगा।
यह फैसला हजारों किसानों के लिए एक बड़ी सौगात है, जो अपनी जमीन विकास परियोजनाओं के लिए देकर अपने भविष्य को सुरक्षित करना चाहते हैं। अब उन्हें मुआवजे के लिए होने वाली अनावश्यक देरी और परेशानियों से मुक्ति मिल जाएगी।