Greater Noida / भारतीय टॉक न्यूज़ : ग्रेटर नोएडा में किसान संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधियों और प्रमुख सचिव (औद्योगिक) आलोक कुमार के बीच शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस वार्ता में किसानों ने अपनी प्रमुख मांगों, जिनमें 10% विकसित प्लॉट का आवंटन और नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करना शामिल था, पर ठोस जवाब की उम्मीद की थी। हालांकि, बैठक में इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई निर्णायक प्रगति नहीं हो सकी। प्रमुख सचिव ने जरूर हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को जल्द लागू करने का आश्वासन दिया, जिसमें आबादी से जुड़े मामलों का निस्तारण प्रमुख है।
हाई पावर कमेटी की सिफारिशों पर सहमति, आबादी मामलों का होगा शीघ्र निस्तारण
वार्ता के दौरान प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने किसान प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जाएगा। इस आश्वासन से किसानों को आबादी से संबंधित लंबे समय से लंबित मामलों के शीघ्र समाधान की उम्मीद जगी है। कमेटी की सिफारिशों में नोएडा में आबादी के लिए 450 वर्ग मीटर की सीमा को बढ़ाकर 1000 वर्ग मीटर करना, अतिक्रमण को 5% के प्लाटों से अलग कर सभी को 5% के प्लांट आवंटित करना, और नोएडा प्राधिकरण में लंबित आबादी विनियमितीकरण की प्रक्रिया में 5क, 5ख व 5ग कर पूर्ण लीज बैक करना शामिल है।
10% प्लॉट के मुद्दे पर प्रमुख सचिव ने जताई असमर्थता
किसानों की प्रमुख मांगों में से एक, उन्हें अधिग्रहित भूमि के बदले 10% विकसित प्लॉट का आवंटन, इस वार्ता में अनसुलझा रहा। प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनके स्तर पर इस समस्या का समाधान संभव नहीं है। इस जवाब से किसान नेता निराश हुए और उन्होंने इस मुद्दे पर उच्च स्तर पर बातचीत की आवश्यकता बताई।
नए भूमि अधिग्रहण कानून पर नहीं मिला ठोस आश्वासन
किसान संघर्ष मोर्चा नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने की भी मांग कर रहा है, लेकिन इस मुद्दे पर भी प्रमुख सचिव कोई निश्चित आश्वासन देने में विफल रहे। उन्होंने इस विषय पर कोई ठोस राय या समयसीमा नहीं बताई, जिससे किसानों में असंतोष बना हुआ है।
किसान नेताओं की प्रतिक्रिया: मुख्य सचिव स्तर पर वार्ता की मांग
वार्ता के नतीजों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने कहा कि प्रमुख सचिव केवल हाई पावर कमेटी की सिफारिशों पर सहमत हुए हैं, जबकि 10% प्लॉट और नए कानून पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। किसान एकता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरन प्रधान ने भी इसी तरह की राय व्यक्त करते हुए कहा कि इन दोनों महत्वपूर्ण मुद्दों पर तत्काल मुख्य सचिव के साथ वार्ता आवश्यक है, क्योंकि प्रमुख सचिव ने अपनी असमर्थता जाहिर कर दी है। अखिल भारतीय किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा ने हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को किसान संघर्ष मोर्चा के लंबे आंदोलन का परिणाम बताया और इसके जल्द क्रियान्वयन की उम्मीद जताई।
किसान संघर्ष मोर्चा की प्रमुख मांगें
किसान संघर्ष मोर्चा ने अपनी मांगों को स्पष्ट रूप से दोहराया है:
🔸 हाई पावर कमेटी की सभी सिफारिशों को बिना किसी देरी के लागू किया जाए।
🔸 10% प्लॉट के आवंटन के संबंध में एक ठोस और निर्णायक निर्णय लिया जाए।
🔸 नए भूमि अधिग्रहण कानून को जल्द से जल्द प्रभावी बनाया जाए।
🔸मुख्य सचिव स्तर पर तत्काल एक वार्ता आयोजित की जाए ताकि अनसुलझे मुद्दों पर सहमति बन सके।
आगे की रणनीति: बड़े आंदोलन की चेतावनी
वार्ता में वीर सिंह नगर, उदल आर्य, सचिन एडवोकेट, निशांत रावल, जबरी मुखिया, सतीश कनर्सी, मनीष प्रधान, जगबीर नंबरदार, जयवीर प्रधान, प्रेमपाल चौहान, गोपाल शर्मा, मुकेश राणा समेत कई वरिष्ठ किसान नेता शामिल रहे। किसान संघर्ष मोर्चा ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि 10% प्लॉट और नए भूमि अधिग्रहण कानून के मुद्दे पर जल्द ही कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।