हाथरस जमीन घोटाला: हिमालय इंफ्रा के निदेशक विवेक जैन की गिरफ्तारी, करोड़ों का भ्रष्टाचार उजागर

Hathras land scam: Himalaya Infra director Vivek Jain arrested, corruption worth crores exposed

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हाथरस जमीन घोटाला: हिमालय इंफ्रा के निदेशक विवेक जैन की गिरफ्तारी, करोड़ों का भ्रष्टाचार उजागर

Noida News : हाथरस में हुए 23.92 करोड़ रुपये के जमीन घोटाले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए, नोएडा पुलिस ने हिमालय इंफ्रा कंपनी के निदेशक विवेक जैन को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी एसीपी प्रथम प्रवीण सिंह की गहन विवेचना के परिणामस्वरूप हुई है। इस घोटाले में यमुना विकास प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आई है।

विवेक जैन की गिरफ्तारी और कानूनी प्रक्रिया:

बुधवार को विवेक जैन को मेरठ की एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया गया। उनकी गिरफ्तारी इस घोटाले की जांच में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो 2019 में दर्ज किए गए एक मामले से जुड़ा है।

घोटाले का विवरण और अधिकारियों की मिलीभगत:

वर्ष 2019 में, बीटा-2 थाने में यमुना विकास प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ पीसी गुप्ता, एसीईओ सतीश कुमार, ओएसडी वीपी सिंह सहित 29 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था। इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने जमीन अधिग्रहण से पहले अपने परिचितों और रिश्तेदारों के माध्यम से किसानों से बेहद कम दामों में जमीन खरीदी थी।

हिमालय इंफ्रा और रिश्तेदारों की भूमिका:

इस घोटाले में हिमालय इंफ्राटेक के निदेशक विवेक जैन और ओएसडी वीपी सिंह के रिश्तेदार संजीव कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आई है। जांच से पता चला है कि इन लोगों ने अधिकारियों के साथ मिलकर किसानों को धोखा दिया और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया।

जमीन की खरीद और मुनाफाखोरी:

जांच में यह भी पता चला कि योजना के अनुसार केवल पांच हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता थी, लेकिन आरोपियों ने मिलकर 14.5 हेक्टेयर जमीन खरीदी। उन्होंने जमीन की कीमत को तीन गुना तक बढ़ाकर भारी मुनाफा कमाया। इस तरह की धोखाधड़ी से सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।

मथुरा में भी समान घोटाला:

हाथरस के अलावा, इसी तरह का एक घोटाला मथुरा में भी सामने आया है, जिससे पता चलता है कि यह संगठित भ्रष्टाचार का एक हिस्सा हो सकता है।

आरोप पत्र और आगे की कार्रवाई:

पुलिस ने विवेक जैन के अलावा संजीव कुमार समेत 12 आरोपियों पर आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। पुलिस अब अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है और इस घोटाले की पूरी तह तक जाने के लिए गहन जांच कर रही है। यह मामला दिखाता है कि भ्रष्टाचार किस तरह सरकारी तंत्र में फैला हुआ है और इसे रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।

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