Heart Attack\ Bharatiya Talk News : दिल का दौरा, जिसे अंग्रेजी में ‘Heart Attack’ कहते हैं, हार्ट अटैक, जिसे myocardial infarction भी कहा जाता है, एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो भारत में तेजी से बढ़ रही है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब दिल की मांसपेशियों को पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं मिलता, जिसके कारण दिल के ऊतकों को क्षति पहुँचती है। इस लेख में, हम भारत में दिल के दौरे के मामलों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, इसके कारणों, लक्षणों और रोकथाम के उपायों पर चर्चा करेंगे।
WHO की रिपोर्ट क्या कहती है? ( भारत को लेकर WHO की डराने वाली रिपोर्ट )
हाल के वर्षों में जिम में हार्ट अटैक Heart Attack के मामलों में वृद्धि ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आम जनता के बीच चिंता पैदा कर दी है। विशेष रूप से युवाओं में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों ने इस मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया है। आइए, इस विषय पर गहराई से चर्चा करें और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट पर भी नजर डालें।
अगर भारत की बात करें तो यहां भी हार्ट अटैक Heart Attack से होने वाली मौतों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। डब्ल्यूएचओ की ताजा रिपोर्ट कहती है कि भारत में हृदय रोग से होने वाली मौतों की संख्या में पिछले 10 सालों में 75 फीसदी का इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक अकेले साल 2019 में दुनियाभर में करीब 1.80 करोड़ लोगों की मौत हृदय रोगों से हुई। इनमें से 85 फीसदी मौतें अकेले हार्ट अटैक की वजह से हुईं।
भारत में दिल के दौरे के मामलों की बढ़ती संख्या के पीछे कई कारण हैं:
अस्वस्थ जीवनशैली: तैलीय भोजन, अत्यधिक नमक का सेवन, और अनियमित आहार भारतीय जीवनशैली का हिस्सा बन चुके हैं, जो दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ाते हैं।
शारीरिक निष्क्रियता: आधुनिक जीवनशैली में व्यायाम की कमी और लंबे समय तक बैठना दिल के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
तनाव और मानसिक स्वास्थ्य: अत्यधिक तनाव, चिंता और अवसाद भी दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ाते हैं।
धूम्रपान और शराब: इन आदतों का सीधा असर दिल की सेहत पर पड़ता है और ये दिल के दौरे की संभावनाओं को बढ़ाते हैं।
हार्ट अटैक (Heart Attack) के लक्षण
(दिल के दौरे के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं )
सीने में दर्द: यह दर्द अक्सर एक दबाव, भारीपन या तंगाई के रूप में महसूस होता है। यह दर्द पेट के ऊपर की तरफ बढ़ सकता है और कभी-कभी बायें हाथ या कंधे की तरफ भी फैल सकता है। कुछ मामलों में, यह दर्द जबड़े या दांतों में भी महसूस हो सकता है।
सांस लेने में तकलीफ: मरीज़ को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है, जो कि एक गंभीर संकेत है।
पसीना आना: अचानक पसीना आना, खासकर ठंडा पसीना, हार्ट अटैक का एक सामान्य लक्षण है।
गैस की अनुभूति: कुछ लोगों को हार्ट अटैक के दौरान गैस होने की अनुभूति भी हो सकती है।
छाती में दर्द या दबाव: यह दर्द आमतौर पर छाती के बीच में महसूस होता है और यह दर्द किसी भी समय हो सकता है।
बांह, गर्दन, या जबड़े में दर्द: यह दर्द छाती के दर्द के साथ-साथ महसूस हो सकता है।
सांस फूलना और चक्कर आना: दिल के दौरे के दौरान सांस की तकलीफ और चक्कर आना आम हैं।
अत्यधिक पसीना आना: बिना किसी स्पष्ट कारण के अत्यधिक पसीना आना भी एक लक्षण हो सकता है।
हार्ट अटैक (Heart Attack) आने पर क्या करें?
(यदि आपको या किसी अन्य व्यक्ति को हार्ट अटैक के लक्षण महसूस होते हैं, तो निम्नलिखित कदम उठाएं: )
1. तुरंत मदद मांगें: सबसे पहले, एम्बुलेंस को कॉल करें या यदि आपके पास अस्पताल पहुँचने का कोई साधन है, तो उसे तैयार करें। नज़दीकी मित्र या परिवार के सदस्य को भी तुरंत सूचित करें।
2. Aspirin दें: जब तक एम्बुलेंस या गाड़ी तैयार हो, मरीज़ को Aspirin की एक गोली दें और उसे चबाने के लिए कहें। Aspirin रक्त की धमनियों में clotting को रोकने में मदद करती है।
3. आरामदायक स्थिति में रखें: मरीज़ को एक आरामदायक स्थिति में बैठने या लेटने के लिए कहें। यह उन्हें आराम देने में मदद करेगा।
4. Sorbitrate का उपयोग: यदि आपके पास sorbitrate की 5mg की टेबलेट है, तो उसे मरीज़ की जीभ के नीचे रख दें।
5. होश में न होने पर: यदि मरीज़ होश में नहीं है, तो उन्हें कुछ भी पिलाने की कोशिश न करें।
6. CPR शुरू करें: यदि मरीज़ सांस नहीं ले रहा है या पल्स नहीं मिल रहा है, तो तुरंत CPR (Cardiopulmonary Resuscitation) शुरू करें। यह जीवन रक्षक हो सकता है।
7. अस्पताल के लिए निकलें: एम्बुलेंस आने पर या गाड़ी तैयार होते ही तुरंत अस्पताल के लिए निकलें।
8. अस्पताल को सूचित करें: यदि नज़दीकी अस्पताल का नंबर आपके पास है, तो उन्हें रास्ते में सूचित करें कि आप एक हार्ट अटैक के मरीज़ को ले कर आ रहे हैं, ताकि वे तैयार रहें।
स्वस्थ आहार: संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें जिसमें फल, सब्जियाँ, और साबुत अनाज शामिल हों।
नियमित व्यायाम: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि करें।
तनाव प्रबंधन: तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान और अन्य विश्राम तकनीकों का अभ्यास करें।
धूम्रपान और शराब से परहेज: इन आदतों को छोड़ने से दिल की सेहत में सुधार होता है।
जिम (GYM) में बढ़ते हार्ट अटैक: एक गहराई से विश्लेषण
आजकल जिम (GYM) में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों ने चिंता जताई है। खासकर युवाओं में हार्ट अटैक Heart Attack के मामले बढ़ने से स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आम लोगों में चिंता है। आइए इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करते हैं और WHO की रिपोर्ट पर भी नजर डालते हैं।
विभिन्न आयु समूहों में हार्ट अटैक के आंकड़े
पहले हार्ट अटैक Heart Attack के मामले मुख्य रूप से बुजुर्गों में देखे जाते थे, लेकिन अब यह समस्या युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है। हालिया अध्ययनों के अनुसार, भारत में 30 से 40 वर्ष की आयु के लोगों में हार्ट अटैक Heart Attack के मामले पिछले कुछ वर्षों में दोगुने से अधिक हो गए हैं। यह एक चिंताजनक प्रवृत्ति है, जो हमें सतर्क रहने की आवश्यकता बताती है।
विभिन्न प्रकार के व्यायाम और उनके हृदय पर प्रभाव
एरोबिक व्यायाम: दौड़ना, तैराकी, साइकिल चलाना जैसे व्यायाम हृदय को मजबूत बनाते हैं और रक्तचाप को कम करते हैं।
अनायरोबिक व्यायाम: वेट लिफ्टिंग, पुश-अप्स जैसे व्यायाम मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं लेकिन अत्यधिक करने पर हृदय पर दबाव बढ़ा सकते हैं।
योग और ध्यान: ये व्यायाम तनाव को कम करते हैं और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करते हैं।
हृदय पर प्रभाव: अधिकांश व्यायाम हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन अत्यधिक व्यायाम, विशेषकर बिना वार्म-अप और कूल-डाउन के, हृदय पर दबाव डाल सकता है।
- व्यायाम शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- वार्म-अप और कूल-डाउन करना न भूलें।
- अपनी सीमा के अनुसार व्यायाम करें।
- अगर आपको कोई असहज महसूस हो तो तुरंत व्यायाम बंद कर दें।
- जिम में एक प्रशिक्षक से मार्गदर्शन लें।
- जिम में आपातकालीन उपकरण और दवाएं उपलब्ध हों।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हृदय रोगों पर कई अध्ययन किए हैं। इन अध्ययनों से पता चलता है कि:
- दुनिया भर में हृदय रोग सबसे बड़ा कारण है।
- युवाओं में हृदय रोग के मामलों में वृद्धि हुई है।
- व्यायाम करने से हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है, लेकिन अत्यधिक व्यायाम हानिकारक हो सकता है।
- स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और तनाव प्रबंधन हृदय रोगों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
जिम में हार्ट अटैक Heart Attack आना एक गंभीर समस्या है। हमें व्यायाम करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और सही तकनीक से व्यायाम करना चाहिए। साथ ही, हमें स्वस्थ आहार लेना चाहिए, पर्याप्त नींद लेनी चाहिए और तनाव को कम करने के उपाय करने चाहिए।
नोट: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।