Birth Certificate in UP: जन्म प्रमाणपत्र (Birth Certificate) आज के समय में एक आवश्यक दस्तावेज बन गया है। यह न केवल किसी व्यक्ति की पहचान और जन्म तिथि को प्रमाणित करता है, बल्कि स्कूल-कॉलेज में दाखिले, सरकारी योजनाओं का लाभ, पासपोर्ट बनवाने और अन्य कानूनी कार्यों के लिए भी जरूरी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में बर्थ सर्टिफिकेट से संबंधित नियमों में बदलाव किया है और इसे बनवाने या सुधार करने की समय-सीमा भी निर्धारित कर दी है। अगर आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और अपना या अपने बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र बनवाना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए पूरी जानकारी प्रदान करेगा।
बदले हुए नियम: क्या है नया अपडेट?
यूपी सरकार ने जन्म प्रमाणपत्र के नियमों में संशोधन करते हुए इसे और सख्त और व्यवस्थित बनाने की कोशिश की है। पहले यह प्रमाणपत्र जन्म के 15 साल बाद तक बनवाया जा सकता था, लेकिन अब उम्र की यह सीमा हटा दी गई है। इसके अलावा, भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण डेडलाइन जारी की है 27 अप्रैल 2026 । इस तारीख तक सभी को अपना बर्थ सर्टिफिकेट बनवाना या उसमें सुधार कराना होगा। इस समय-सीमा के बाद नया प्रमाणपत्र बनवाना या पुराने में बदलाव करना संभव नहीं होगा। यह नियम इसलिए लागू किया गया है ताकि लोग समय रहते अपने दस्तावेजों को ठीक कर सकें और भविष्य में किसी परेशानी से बच सकें।
बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने की प्रक्रिया: ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके
यूपी में जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए दो विकल्प उपलब्ध हैं – ऑनलाइन और ऑफलाइन। दोनों प्रक्रियाओं को आसान और सुविधाजनक बनाया गया है। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं:
ऑनलाइन प्रक्रिया
1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं : सबसे पहले आपको उत्तर प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट http://crsorgi.gov.in या http://e-nagarsewaup.gov.in पर जाना होगा।
2. रजिस्ट्रेशन करें : “जनरल पब्लिक लॉगिन” या “साइन अप” विकल्प पर क्लिक करें। अपनी जानकारी जैसे नाम, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी दर्ज करें।
3. वेरिफिकेशन : रजिस्ट्रेशन के बाद आपके ईमेल पर एक लिंक आएगा, जिसे क्लिक करके अकाउंट को सक्रिय करें।
4. फॉर्म भरें : लॉगिन करने के बाद “Birth Registration” टैब पर क्लिक करें और बच्चे का नाम, जन्म तिथि, जन्म स्थान, माता-पिता का विवरण आदि भरें।
5. दस्तावेज अपलोड करें : माता-पिता का आधार कार्ड, अस्पताल का प्रमाणपत्र और अन्य जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।
6. सबमिट करें : फॉर्म को सबमिट करने के बाद आपको एक रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा, जिससे आप आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।
7. प्रमाणपत्र डाउनलोड करें : प्रक्रिया पूरी होने पर आप प्रमाणपत्र डाउनलोड कर सकते हैं। यह अस्थायी होगा, बाद में मूल कॉपी नगर निगम से लेनी होगी।
ऑफलाइन प्रक्रिया
1. नगर निगम या पंचायत कार्यालय जाएं : अपने नजदीकी नगर निगम, ग्राम पंचायत या जन सेवा केंद्र पर जाएं।
2. फॉर्म लें और भरें : वहां से जन्म प्रमाणपत्र का फॉर्म लें और सभी जानकारी सही-सही भरें।
3. दस्तावेज जमा करें : आवश्यक दस्तावेज जैसे माता-पिता का आईडी प्रूफ, अस्पताल की रसीद आदि जमा करें।
4. शुल्क भुगतान : निर्धारित शुल्क (यदि लागू हो) का भुगतान करें।
5. प्रमाणपत्र प्राप्त करें : कुछ दिनों बाद आपको प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाएगा।
आवश्यक दस्तावेज: क्या-क्या चाहिए?
बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है:
– माता-पिता का आधार कार्ड या कोई वैध पहचान पत्र (वोटर आईडी, पासपोर्ट आदि)
– बच्चे के जन्म का अस्पताल प्रमाणपत्र या नर्सिंग होम रिपोर्ट
– जन्म स्थान का प्रमाण (अस्पताल का पता या घर का पता)
– माता-पिता का निवास प्रमाण पत्र
– दो पासपोर्ट साइज फोटो (कुछ मामलों में)
– मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी (ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए)
अगर जन्म घर पर हुआ हो, तो स्थानीय प्राधिकारी से सत्यापन कराना पड़ सकता है।
सुधार प्रक्रिया: गलती ठीक कैसे करें?
अगर आपके बर्थ सर्टिफिकेट में कोई गलती है, जैसे नाम, जन्म तिथि या अन्य विवरण में त्रुटि, तो उसे ठीक करने की प्रक्रिया इस प्रकार है:
1. आवेदन करें : ऑनलाइन पोर्टल पर लॉगिन करें या ऑफलाइन नगर निगम में जाएं।
2. शपथ पत्र जमा करें : गलती के कारण और सही जानकारी के साथ एक शपथ पत्र बनवाएं।
3. दस्तावेज दें : मूल प्रमाणपत्र, सही जानकारी का प्रमाण (आधार कार्ड, स्कूल सर्टिफिकेट आदि) और माता-पिता का आईडी प्रूफ जमा करें।
4. शुल्क और सत्यापन : जरूरी शुल्क दें और स्थानीय प्राधिकारी सत्यापन के बाद सुधार करेंगे।
5. डेडलाइन का ध्यान रखें : यह सुधार भी 27 अप्रैल 2026 से पहले कराना जरूरी है।
समय-सीमा और जुर्माना: नियमों का पालन करें
– 21 दिन के भीतर : नवजात बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र जन्म के 21 दिनों के भीतर मुफ्त में बनवाया जा सकता है।
– 30 दिन बाद : अगर 30 दिन से अधिक समय हो गया हो, तो जुर्माना देना पड़ सकता है।
– 45 दिन तक : नामकरण के लिए अब 45 दिन तक का समय दिया गया है, ताकि परिवार बिना जल्दबाजी के नाम तय कर सके।
– 27 अप्रैल 2026 : यह अंतिम डेडलाइन है, इसके बाद कोई बदलाव या नया प्रमाणपत्र नहीं बन सकेगा।
सुझाव: आसानी से बनवाएं बर्थ सर्टिफिकेट
– समय पर आवेदन करें ताकि जुर्माने से बच सकें।
– सभी दस्तावेज पहले से तैयार रखें।
– ऑनलाइन प्रक्रिया का उपयोग करें, यह तेज और सुविधाजनक है।
– किसी भी संदेह के लिए नजदीकी नगर निगम या हेल्पलाइन से संपर्क करें।
प्रमाणपत्र बनवाना क्यों जरूरी?
यूपी में बर्थ सर्टिफिकेट न केवल एक दस्तावेज है, बल्कि यह आपके अधिकारों और पहचान का प्रमाण भी है। सरकार के नए नियमों और डेडलाइन के साथ, अब इसे बनवाना या सुधारना और भी जरूरी हो गया है। चाहे आप ऑनलाइन तरीके से आवेदन करें या ऑफलाइन, प्रक्रिया को समझकर और समय पर कदम उठाकर आप भविष्य की परेशानियों से बच सकते हैं। तो देर न करें, आज ही अपने या अपने बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र बनवाएं और 27 अप्रैल 2026 की डेडलाइन से पहले सभी औपचारिकताएं पूरी कर लें।