इंश्योरेंस के 50 लाख के लालच में बेटे ने की पिता की हत्या, चार महीने बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा

In Bishwana village, a son killed his father for the greed of 50 lakh insurance money, he was caught by the police after four months

Partap Singh Nagar
4 Min Read
बिशवाना गांव में इंश्योरेंस के 50 लाख के लालच में बेटे ने की पिता की हत्या, चार महीने बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा

Greater Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़: कासना कोतवाली क्षेत्र में दो दिसंबर को हुए प्रकाश बोसक हत्याकांड का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस ने मृतक के बेटे संतोष बोसक को गिरफ्तार किया है, जिसने इंश्योरेंस के 50 लाख रुपये हड़पने के लिए अपने पिता की हत्या कर दी थी। चार महीने की कड़ी मेहनत के बाद पुलिस ने इस अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाई। आरोपी संतोष मूल रूप से बिहार का रहने वाला है और पिछले 20 सालों से नोएडा में रह रहा था। उसका मसाला पैकेजिंग का व्यवसाय था, जिसमें आर्थिक नुकसान होने के कारण उसने यह खौफनाक साजिश रची।

आर्थिक तंगी बनी मौत का कारण

मृतक प्रकाश बोसक बिहार के किशनगंज जिले के रहने वाले थे और लगभग 20 साल पहले नोएडा आकर रहने लगे थे। 2022 में प्रकाश और उनके बड़े बेटे संतोष ने मिलकर एक निजी बैंक से लगभग 12.5 लाख रुपये का होम लोन लिया था, जिसकी मासिक किस्त 12,500 रुपये थी। किस्त चुकाने में परेशानी होने के कारण उन्होंने एक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से 21 लाख रुपये का लोन लिया, जिसमें से 12.5 लाख रुपये पहले होम लोन में जमा कर दिए गए और बाकी 7.69 लाख रुपये संतोष ने अपने व्यवसाय के खाते में जमा कर दिए। इस लोन पर प्रकाश का 60% जीवन बीमा था और इसकी मासिक किस्त लगभग 27,000 रुपये थी, जो उनके लिए बहुत अधिक थी।

इंश्योरेंस की जानकारी और हत्या की साजिश

कुछ समय पहले संतोष को पता चला कि उसके पिता ने 25-25 लाख रुपये की दो जीवन बीमा पॉलिसी कराई हैं, जिसमें उसकी मां नॉमिनी हैं। यह जानकारी घर में सिर्फ संतोष और उसके पिता को ही थी। आर्थिक तंगी से जूझ रहे संतोष ने योजना बनाई कि यदि वह अपने पिता की हत्या कर देता है तो उसे 50 लाख रुपये मिल जाएंगे और लोन का 60% हिस्सा भी बीमा कंपनी द्वारा चुका दिया जाएगा।

इस तरह दिया हत्या को अंजाम

घटना के दिन संतोष योजना के अनुसार घर से सब्जी काटने वाला चाकू अपने बैग में रखकर पिता के साथ दिल्ली गया। लौटते समय उसने जानबूझकर पक्की सड़क की बजाय सुनसान कच्ची सड़क (ग्राम बिशवाना, थाना सिकन्द्राबाद) चुनी। ज्वार के खेत के पास उसने स्कूटी रोकी और अपने पिता से पेशाब करने को कहा। जैसे ही प्रकाश स्कूटी से उतरे, संतोष ने चाकू निकालकर पीछे से उन पर वार कर उनकी हत्या कर दी। उसने खुद को बचाने का नाटक करने के लिए अपनी छाती पर भी चाकू से मामूली कट लगाया। इसके बाद वह 100 मीटर दूर समाधि के पास जाकर खड़ा हो गया और झाड़ियों में चाकू छिपा दिया। योजना के तहत संतोष ने अपने पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया और तीन महीने के भीतर ही इंश्योरेंस के लगभग 50 लाख रुपये अपनी मां के बैंक खाते में प्राप्त कर लिए।

 

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