NEW Delhi / Bharatiya Talk News: आयकर विभाग ने फर्जी आयकर रिटर्न (आईटीआर) और टैक्स छूट के बढ़ते मामलों के खिलाफ कमर कस ली है। विभाग ने देश भर में एक व्यापक सत्यापन अभियान शुरू करते हुए 200 से अधिक स्थानों पर एक साथ छापेमारी की है। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य उन व्यक्तियों और संस्थाओं को पकड़ना है जो आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों का गलत इस्तेमाल करके टैक्स चोरी कर रहे हैं। यह अभियान महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, पंजाब और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में चलाया जा रहा है, जहां बड़ी संख्या में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी।
फर्जीवाड़े का पर्दाफाश: एआई और खुफिया जानकारी का इस्तेमाल
आयकर विभाग ने इस कार्रवाई के लिए आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया। उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) उपकरणों, खुफिया सूचनाओं और तीसरे पक्ष के डेटा का विश्लेषण करके विभाग ने फर्जी कटौतियों और छूट के दावों की पहचान की। जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए), टैक्स सलाहकार और बिचौलिए एक संगठित रैकेट चला रहे थे। ये लोग फर्जी बिल और दस्तावेज तैयार करके करदाताओं को गैरकानूनी रूप से टैक्स छूट और रिफंड का लाभ दिला रहे थे। इस गोरखधंधे में धारा 80जीजीसी (राजनीतिक चंदा), 80डी (मेडिकल खर्च), 80ई (शिक्षा ऋण) और 10(13ए) (आवास किराया भत्ता) जैसे महत्वपूर्ण प्रावधानों का दुरुपयोग किया जा रहा था।
बिचौलियों का नया तरीका: अस्थायी ईमेल और कमीशन का लालच
जांच में पता चला कि बिचौलिए फर्जी रिटर्न दाखिल करने के लिए अस्थायी ईमेल आईडी का इस्तेमाल करते थे और रिटर्न दाखिल करने के बाद उन्हें छोड़ देते थे। इससे विभाग द्वारा भेजे गए नोटिस करदाताओं तक पहुंच ही नहीं पाते थे। कुछ मामलों में, बिचौलियों ने करदाताओं को बढ़े हुए रिफंड का लालच दिया, जिसके बदले में वे कमीशन लेते थे। इस जाल में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कर्मचारियों, सरकारी अधिकारियों और शिक्षकों जैसे लोग भी शामिल पाए गए हैं।
स्वैच्छिक अनुपालन का मौका और अब कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
आयकर विभाग ने ‘करदाताओं पर पहले भरोसा’ की नीति के तहत पिछले एक साल में एसएमएस, ईमेल और सीधे संपर्क के माध्यम से करदाताओं को अपनी गलतियों को सुधारने का मौका दिया था। इस पहल के चलते पिछले चार महीनों में लगभग 40,000 करदाताओं ने अपने रिटर्न संशोधित किए और ₹1,045 करोड़ के फर्जी दावों को वापस लिया। हालांकि, अभी भी कुछ करदाता ऐसे हैं जो इन रैकेट के प्रभाव में आकर नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।
ऐसे लोगों के खिलाफ अब आयकर विभाग ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि धोखाधड़ी करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। वर्तमान में चल रही छापेमारी में डिजिटल रिकॉर्ड और अन्य महत्वपूर्ण सबूत जुटाए जा रहे हैं, जिससे इन रैकेट के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके और दोषियों को सजा मिल सके।
करदाताओं के लिए जरूरी सलाह
आयकर विभाग ने सभी करदाताओं से अपील की है कि वे अपनी आय और संपर्क विवरण हमेशा सही रखें। साथ ही, किसी भी अनधिकृत एजेंट या बिचौलिए के बहकावे में न आएं जो फर्जी टैक्स छूट का वादा करते हैं। विभाग ने कहा, “फर्जी रिफंड का लालच देने वाले एजेंटों से सावधान रहें और हमेशा सही जानकारी के साथ ही अपना टैक्स रिटर्न दाखिल करें।” आयकर विभाग का यह देशव्यापी अभियान अभी जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में कई बड़े खुलासे होने की संभावना है।
आयकर विभाग ने आम करदाताओं से अपील की है कि वे:
🔸 केवल अधिकृत माध्यमों से रिटर्न फाइल करें
🔸 फर्जी एजेंटों और बिचौलियों के झांसे में न आएं
🔸 अपनी आय और संपर्क जानकारी सही रखें
🔸 गलत जानकारी देकर रिफंड लेने की कोशिश न करें
विभाग ने कहा है,
“फर्जी टैक्स लाभ का लालच देने वाले एजेंटों से सावधान रहें। खुद को कानूनी झंझट में डालने से बचें और ईमानदारी से रिटर्न दाखिल करें।”