Ghaziabad News : गाजियाबाद में दुहाई डिपो और दुहाई स्टेशन के पास एकीकृत शहरी विकास के लिए 909.82 हेक्टेयर की जमीन निर्धारित की गई है। इस क्षेत्र में एक ही भूखंड में दुकान और मकान बनाने की सुविधा प्रदान की जाएगी। महायोजना 2031 के प्रस्ताव को जीडीए बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद विकास की योजनाओं का खाका तैयार किया जा रहा है।
निवेश के लिए निजी कंपनियों की रुचि
भू-उपयोग तय होने के बाद, निजी कंपनियां निवेश के लिए जीडीए से संपर्क करने लगी हैं। सबसे अधिक विकास की योजनाएं दिल्ली-मेरठ रोड पर गुलधर और दुहाई रैपिड कॉरिडोर के पास आएंगी। इस क्षेत्र की जमीन को मिश्रित भू-उपयोग के लिए घोषित किया गया है, जिससे आवासीय और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
टीओडी जोन का विकास
दुहाई डिपो के पास 416.97 हेक्टेयर जमीन आवासीय और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए निर्धारित की गई है। इसके अलावा, रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर के डेढ़ किलोमीटर के क्षेत्र में 4261.43 हेक्टेयर क्षेत्र को टीओडी जोन घोषित किया गया है। इस जोन में फ्लोर एरिया रेशियो की छूट दी जाएगी, जिससे निर्माण करने वालों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।
हरनंदी नदी के साथ रिवरफ्रंट विकास
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने हरनंदी नदी के किनारे रिवरफ्रंट विकास क्षेत्र के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि नदी किनारे रिवरफ्रंट को विकसित किया जाएगा, लेकिन इस क्षेत्र में किसी प्रकार का आवासीय या व्यावसायिक निर्माण नहीं किया जा सकेगा।
महायोजना 2031 का प्रभाव
महायोजना 2031 के लागू होने के बाद, गाजियाबाद में आवासीय, व्यावसायिक और परिवहन समेत अन्य क्षेत्रों में तेजी से विकास होगा। इससे न केवल निवेश बढ़ेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने कहा कि आने वाले समय में गाजियाबाद दिल्ली-एनसीआर में विकास की ऊंचाइयों पर होगा।
भू-उपयोग का संक्षिप्त विवरण
महायोजना 2031 में तय भू-उपयोग का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:
– आवासीय: 39.85%
– व्यावसायिक: 2.18%
– औद्योगिक: 10.68%
– मिश्रित: 1.82%
– कार्यालय: 2%
– सार्वजनिक: 6.65%
– मनोरंजन: 19.67%
– परिवहन: 12.79%
– नान कंफमिंग: 4.36%
इस प्रकार, गाजियाबाद में शहरी विकास की नई दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है, जो क्षेत्र के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।