Greater Noida Expressway : नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर 131 करोड़ रुपये की लागत से झट्टा अंडरपास का निर्माण किया जाएगा। पिछले एक साल में एक्सप्रेसवे पर तीन नए अंडरपास खोले गए हैं, जिनमें सेक्टर-96, कोंडली और एडवंट अंडरपास शामिल हैं। इन अंडरपासों के निर्माण के दौरान कई बार सड़क धंसने की समस्याएं सामने आई थीं, इसलिए इस बार डायाफ्राम तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
749 मीटर लंबा होगा अंडरपास
उपमहाप्रबंधक (सिविल) विजय कुमार रावल ने बताया कि झट्टा अंडरपास की लंबाई 749 मीटर होगी और यह चार लेन का होगा, जिसमें आने-जाने के लिए 2-2 लेन होंगी। इसके साथ ही 75 मीटर की टनल या बॉक्स लैंथ भी होगी।
सीधे ग्रेटर नोएडा को जोड़ेगा
यह अंडरपास एक्सप्रेसवे के नीचे बनाया जाएगा, जिससे सेक्टर-145, 146, 147, 148, 149, 150, 151, 152, 153, 154 को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। ये सभी सेक्टर आवासीय और औद्योगिक हैं, जिससे इनकी एक्सप्रेसवे तक पहुंच आसान हो जाएगी। साथ ही, यह अंडरपास सीधे ग्रेटर नोएडा को भी जोड़ेगा।
नई तकनीक का उपयोग
नोएडा प्राधिकरण ने इस बार अंडरपास निर्माण में डायाफ्राम तकनीक का चयन किया है। इस तकनीक में बिना खुदाई के डायाफ्राम वॉल कास्ट की जाएगी। इसके बाद जमीन के अंदर दीवार बनाकर उसके ऊपर अंडरपास की छत ढाली जाएगी। नीचे की मिट्टी को खोदकर निकाला जाएगा और फिर सड़क का निर्माण किया जाएगा। इस प्रक्रिया के कारण कुछ दिनों तक यातायात प्रभावित रहेगा।
निर्माण की प्रक्रिया
सैद्धांतिक मंजूरी के बाद इस अंडरपास का एस्टीमेट वैरीफिकेशन के लिए आईआईटी दिल्ली भेजा गया है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद टेंडर जारी कर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
इस अंडरपास के निर्माण से नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच कनेक्टिविटी में सुधार होगा और यातायात की समस्याओं का समाधान होगा।