Cricket News : क्रिकेट की चमक-दमक के पीछे कई कहानियाँ छिपी होती हैं, लेकिन कुछ कहानियाँ ऐसी होती हैं जो दिल को छू जाती हैं। ऐसी ही एक कहानी है अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट टीम के मुख्य कोच जोनेथन ट्रोट की। यह कहानी उनके संघर्ष, टूटने और फिर से खड़े होने की है।
2013-14 की एशेज श्रृंखला
साल 2013-14 में इंग्लैंड क्रिकेट टीम को बहुचर्चित एशेज श्रृंखला खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना था। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने अपनी तेज गेंदबाज़ी आक्रमण के बलबूते अंग्रेज बल्लेबाज़ी को तहस-नहस करने की योजना बनाई थी। क्लार्क ने तेज गेंदबाज़ मिचेल जॉनसन को इंग्लिश बल्लेबाज़ों के शरीर पर निशाना साधने का निर्देश दिया था।
मानसिक आघात और डिप्रेशन
इस श्रृंखला में जोनेथन ट्रोट बुरी तरह से फ्लॉप रहे और उन्हें मानसिक आघात लगा। डिप्रेशन के चलते उन्होंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया और कई महीनों तक अपने घर से बाहर नहीं निकले। इसके बाद ट्रोट क्रिकेट जगत में एक गुमनाम नाम बन चुके थे।
वापसी की कहानी
फिर अचानक 2023 के ODI विश्वकप से पहले खबर आई कि जोनेथन ट्रोट को अफगानिस्तान क्रिकेट टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया है। यह खबर चौंकाने वाली थी क्योंकि ट्रोट लगभग दस सालों से लाईमलाइट से दूर थे। ODI विश्वकप 2023 में ट्रोट ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन मैक्सवेल के कारण वह अपने बदले के एकदम करीब आकर भी दूर रह गए।
T20 विश्वकप में जीत
किस्मत ने ट्रोट 9 Jonathan Trott )को एक और मौका दिया और T20 विश्वकप में अफ़ग़ानिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया। अफ़ग़ानिस्तान के खिलाड़ी खुशी से झूम रहे थे और ट्रोट ने ABC SPORTS की तरफ़ कमेंट्री कर रहे माइकल क्लार्क का निराश चेहरा देखा। यह जीत ट्रोट के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी।
जोनेथन ट्रोट की कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में कितनी भी मुश्किलें आएं, हमें हार नहीं माननी चाहिए। ट्रोट ने अपने संघर्ष और मेहनत से यह साबित कर दिया कि अगर हम ठान लें तो कुछ भी असंभव नहीं है।
~लोकेश कुमार