कंगना रनौत थप्पड़ कांड: कुलविंदर कौर का अफवाहों का पर्दाफाश और सच्चाई का खुलासा

कंगना रनौत थप्पड़ कांड: कुलविंदर कौर का अफवाहों का पर्दाफाश और सच्चाई का खुलासा
कंगना रनौत थप्पड़ कांड: कुलविंदर कौर का अफवाहों का पर्दाफाश और सच्चाई का खुलासा

 

Breaking News : 6 जून को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर भारतीय जनता पार्टी की सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ एक अप्रत्याशित घटना घटी। सुरक्षा जांच के दौरान, CISF की महिला कांस्टेबल कुलविंदर कौर ने कंगना को थप्पड़ मार दिया। इस घटना के बाद कुलविंदर कौर को सस्पेंड कर दिया गया और उनके खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।

मीडिया में फैली अफवाहें

आज सुबह से ही कुछ मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया हैंडल्स पर यह खबर चल रही थी कि कुलविंदर कौर को सस्पेंड होने के बाद बहाल कर दिया गया है और उनका तबादला बेंगलुरु कर दिया गया है। लेकिन CISF ने इन खबरों का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि कुलविंदर कौर अभी भी निलंबित हैं और उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है।

CISF का आधिकारिक बयान

CISF ने मीडिया के दावों को नकारते हुए कहा कि कुलविंदर कौर की नौकरी बहाल नहीं की गई है। सुरक्षा एजेंसी ने यह भी बताया कि कुलविंदर कौर के खिलाफ विभागीय जांच अभी भी जारी है और उनके निलंबन को लेकर कोई बदलाव नहीं हुआ है।

कंगना रनौत का बयान

घटना के बाद कंगना रनौत ने एक वीडियो जारी करके अपनी बात कही थी। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के दौरान CISF की महिला कांस्टेबल ने उनके चेहरे पर मारा और गालियां देने लगी। जब कंगना ने पूछा कि ऐसा क्यों किया, तो कांस्टेबल ने कहा कि वह किसानों के विरोध का समर्थन करती हैं। कंगना ने इस घटना को आतंकवाद और उग्रवाद से जोड़ते हुए चिंता व्यक्त की कि पंजाब में बढ़ते उग्रवाद को कैसे हैंडल किया जाए।

कुलविंदर कौर का पक्ष

कुलविंदर कौर, जो पंजाब के सुल्तानपुर लोधी की रहने वाली हैं, ने कहा कि उनका परिवार किसान आंदोलन से जुड़ा रहा है। उन्होंने बताया कि कंगना की टिप्पणी से वह आहत थीं, जिसमें कंगना ने कहा था कि 100-100 रुपये के लिए महिलाएं किसान आंदोलन में बैठी हैं। कुलविंदर कौर ने कहा कि उनकी मां भी किसान आंदोलन में शामिल थीं और कंगना की टिप्पणी ने उन्हें गहरा आघात पहुंचाया।

किसान संगठनों का प्रदर्शन

कुलविंदर कौर के निलंबन और FIR के खिलाफ किसान संगठनों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने कुलविंदर कौर के समर्थन में आवाज उठाई और उनके निलंबन को वापस लेने की मांग की। किसान संगठनों का कहना था कि कुलविंदर कौर ने जो किया, वह किसानों के समर्थन में था और उन्हें सजा नहीं मिलनी चाहिए।

इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि सोशल मीडिया और मीडिया चैनलों पर फैली अफवाहों पर विश्वास करना कितना खतरनाक हो सकता है। CISF ने स्पष्ट किया है कि कुलविंदर कौर अभी भी निलंबित हैं और उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है।

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