Greater Noida/ Jewar भारतीय टॉक न्यूज़: भारतीय समाज में पितृ पक्ष को लेकर चली आ रही पारंपरिक धारणाएं अब बदल रही हैं। एक समय था जब 15 दिनों की इस अवधि में लोग किसी भी तरह की नई खरीदारी, विशेषकर संपत्ति के लेन-देन से बचते थे। लेकिन, जेवर क्षेत्र में बन रहे नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे ने इस तस्वीर को पूरी तरह से बदल दिया है। हवाई अड्डे के आसपास तेजी से हो रहे औद्योगिक विकास ने यहाँ की जमीन को ‘सोना’ बना दिया है, जिसके चलते निवेशक पितृ पक्ष जैसे समय में भी रजिस्ट्री कराने से पीछे नहीं हट रहे हैं।
जेवर के सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में इन दिनों सुबह से शाम तक भारी भीड़ देखी जा रही है। आलम यह है कि रोजाना 100 से 150 तक बैनामे हो रहे हैं, जिसके कारण कार्यालय के काम के घंटों को भी बढ़ाना पड़ रहा है। आमतौर पर पितृ पक्ष में जहाँ संपत्ति के सौदे ठंडे पड़ जाते थे, वहीं इस बार रजिस्ट्री की संख्या में भारी उछाल दर्ज किया गया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महीने का जो लक्ष्य था, वह महज 10 दिनों में ही पूरा कर लिया गया है।
औद्योगिक विकास और यमुना प्राधिकरण की भूमिका
इस अभूतपूर्व तेजी के पीछे मुख्य कारण जेवर एयरपोर्ट के पास तेजी से बस रहा औद्योगिक क्षेत्र है। देश-विदेश की बड़ी कंपनियां यहाँ अपनी इकाइयां स्थापित करने में रुचि दिखा रही हैं, जिससे जमीन की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। निवेशकों को यह डर है कि अगर उन्होंने अभी निवेश नहीं किया, तो भविष्य में उन्हें इसी जमीन के लिए कई गुना अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है।
इसके अलावा, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) भी क्षेत्र के सुनियोजित विकास के लिए किसानों से आपसी सहमति के आधार पर बड़े पैमाने पर जमीन की खरीद कर रहा है। प्राधिकरण द्वारा सेक्टरों के विकास के लिए की जा रही इन रजिस्ट्रियों ने भी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में भीड़ बढ़ा दी है। निवेशक और किसान दोनों ही रजिस्ट्री के लिए सुबह से ही कतारों में लग जाते हैं।
बढ़े काम के घंटे, दोगुनी हुई रजिस्ट्री
रजिस्ट्री कराने वालों की भारी संख्या को देखते हुए कार्यालय का समय भी बढ़ा दिया गया है। सुबह 10 बजे से लगने वाली भीड़ शाम 4 बजे तक खत्म नहीं होती, जिसके चलते अब शाम 6 बजे तक रजिस्ट्री का काम किया जा रहा है।
पितृ पक्ष के दौरान रजिस्ट्री के आंकड़े:
8 सितंबर: 36
10 सितंबर: 125
11 सितंबर: 136
12 सितंबर (साइट समस्या के कारण): 34
15 सितंबर: 104
16 सितंबर: 132
17 सितंबर (शाम 4 बजे तक): 108
ये आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि विकास की लहर के आगे पारंपरिक मान्यताएं भी अब छोटी पड़ती जा रही हैं। जेवर एयरपोर्ट क्षेत्र अब भविष्य के एक बड़े आर्थिक केंद्र के रूप में उभर रहा है, और निवेशक इस अवसर का लाभ उठाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते।