Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में सेमीकॉन इंडिया का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का युग सिलिकॉन डिप्लोमेसी का है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भारत को इंडो-पैसिफिक फ्रेमवर्क की सप्लाई चेन काउंसिल का वाइस प्रेसीडेंट चुना गया है। इस कार्यक्रम में 26 देशों के 836 प्रदर्शक और 50,000 से अधिक विजिटर शामिल हो रहे हैं, जिससे लाखों रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
डिजिटल इंडिया मिशन का महत्व
पीएम मोदी ने अमेरिका के साथ बढ़ते सहयोग पर भी प्रकाश डाला और कहा कि जो लोग भारत के डिजिटल इंडिया मिशन पर सवाल उठाते हैं, उन्हें इसकी पारदर्शिता और प्रभावशीलता का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत अब 5जी हैंडसेट का सबसे बड़ा बाजार बन चुका है और सेमीकंडक्टर उत्पादन पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
चिप उत्पादन में वृद्धि
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का मंत्र “चिप की संख्या बढ़ाना” है। उन्होंने बताया कि सरकार सेमीकंडक्टर उत्पादन को बढ़ाने के लिए 50% सहायता प्रदान कर रही है। इसके परिणामस्वरूप, भारत में 1.5 ट्रिलियन से अधिक का निवेश हो चुका है और कई प्रोजेक्ट पाइपलाइन में हैं।
उत्तर प्रदेश में निवेश का अनुकूल वातावरण
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में निवेश के अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि 27 नीतियों के माध्यम से सेमीकंडक्टर, आईटीसी, डाटा सेंटर, और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यूपी में मोबाइल विनिर्माण का 55% और मोबाइल कंपोनेंट का 50% उत्पादन हो रहा है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
सीएम योगी ने सेमीकॉन इंडिया-2024 को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि सैमसंग ने नोएडा में अपनी यूनिट स्थापित की है, जिससे स्थानीय प्रतिभा को लाभ मिलेगा।
प्रौद्योगिकी तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाना
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र में सभी हितधारकों की भागीदारी प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण की सफलता का संकेत है। उन्होंने बताया कि तकनीक को आम नागरिकों के हाथों में पहुंचाने के लिए कई पहल की गई हैं।
इंजीनियर और तकनीशियनों का विकास
अंत में, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले 10 वर्षों में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में 85,000 इंजीनियर और तकनीशियनों को तैयार करने का लक्ष्य है। इसके लिए 130 विश्वविद्यालयों को जोड़ा गया है और पाठ्यक्रमों को सेमीकंडक्टर क्षेत्र की जरूरतों के अनुसार डिजाइन किया गया है।
इस प्रकार, सेमीकॉन इंडिया का आयोजन भारत के तकनीकी विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।