43 दिन से अंधेरे में मकनपुर खादर गांव: गर्मी से बेहाल ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं

Makanpur Khadar village in darkness for 43 days: No one listens to the villagers suffering from heat

Partap Singh Nagar
3 Min Read
43 दिन से अंधेरे में मकनपुर खादर गांव: गर्मी से बेहाल ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं

Greater Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के दनकौर क्षेत्र के मकनपुर खादर गांव में 2 मई 2025 को आई आंधी में ट्रांसफार्मर गिर जाने के बाद से अब तक बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप है। 43 दिन बीत जाने के बाद भी गांव अंधेरे में डूबा हुआ है और गर्मी में ग्रामीण बुरी तरह बेहाल हैं।

शिकायतें हुईं अनसुनी, अधिकारियों के सिर्फ आश्वासन

गांव के लोग यूपी पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के अधिकारियों से बार-बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं, समाधान नहीं। गांववाले पंखा तक नहीं चला पा रहे, और दिन-रात की नींद हराम हो गई है।

 सांसद की फटकार और चेयरमैन के निर्देश भी बेअसर

ग्राम प्रधान संजय कुमार ने बताया कि यह मामला सांसद डॉ. महेश शर्मा तक भी पहुंच चुका है। सांसद ने बिजली विभाग को तुरंत ट्रांसफार्मर बदलने के निर्देश दिए थे। वहीं पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल ने भी गर्मी में बिजली की समस्याओं को प्राथमिकता देने के आदेश दिए थे। लेकिन यह निर्देश कागज़ों तक सीमित रह गए।

 “सुविधा शुल्क” न मिलने पर काम अटका – ग्रामीणों का आरोप

ग्रामीणों का दावा है कि पहले भी ट्रांसफार्मर बदलने के लिए 22 लोगों से 200-200 रुपये वसूले गए थे, तब जाकर नया ट्रांसफार्मर मिला था। इस बार जब रिश्वत नहीं मिली, तो काम रोक दिया गया। ग्राम प्रधान भी इस भ्रष्टाचार की पुष्टि कर चुके हैं।

 ट्रांसफार्मर स्टॉक में नहीं – SDO का जवाब

इस पर एसडीओ विनय कुमार का कहना है कि नोएडा स्टोर में फिलहाल ट्रांसफार्मर उपलब्ध नहीं है और नए ट्रांसफार्मर की व्यवस्था में लगभग 3 दिन और लग सकते हैं।

 बड़ी तस्वीर: क्या सिस्टम की नाकामी का शिकार हो रहा गांव?

43 दिन बीतने के बावजूद, कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया। एक तरफ प्रशासन और अधिकारी वादे करते हैं, दूसरी तरफ गांव के लोग भीषण गर्मी में अंधेरे और तकलीफ में जीने को मजबूर हैं।

मकनपुर खादर गांव का बिजली संकट एक प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का जीवंत उदाहरण बन गया है। अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मुद्दा सामाजिक आक्रोश और जन आंदोलनों की ओर बढ़ सकता है।

Spread the love
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *