Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़ : नैनिताल बैंक में पिछले साल हुए ₹16 करोड़ के सनसनीखेज साइबर फ्रॉड मामले में पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने इस मामले में एक विदेशी नागरिक समेत चार आरोपियों को ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया है। जांच में यह भी सामने आया है कि ये आरोपी केवल साइबर अपराध ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी में भी शामिल थे।
गिरफ्तारी और आरोपी
साइबर क्राइम थाना पुलिस ने खुफिया जानकारी और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर ग्रेटर नोएडा में दबिश देकर चार व्यक्तियों को धर दबोचा। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान नाइजीरिया निवासी एलेक्स, और दिल्ली निवासी मोहम्मद सावेज उर्फ सानू, अमित गुप्ता, और दीपक गुप्ता के रूप में हुई है। एलेक्स नाइजीरिया का नागरिक है, जबकि अन्य तीनों आरोपी दिल्ली में रहकर इस गिरोह का संचालन कर रहे थे।
₹16 करोड़ की साइबर धोखाधड़ी
यह मामला जुलाई 2024 का है, जब शातिर हैकरों ने नैनिताल बैंक के सर्वर सिस्टम में सेंध लगाकर लगभग ₹16 करोड़ की रकम अवैध रूप से निकाल ली थी। इस घटना के बाद बैंक प्रबंधन ने तत्काल पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई थी। पुलिस लगातार इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच में जुटी हुई थी।
बरामदगी
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए हैं। इनमें शामिल हैं:
* ₹50,000 नकद धनराशि
* 8 विभिन्न बैंकों की चेक बुक
* 7 विभिन्न बैंकों की पासबुक
* 7 मोबाइल फोन
* 1 लैपटॉप
* 2 इंटरनेट मॉडेम
* 9 मोबाइल सिम कार्ड
* 5 मोबाइल फोन के खाली डिब्बे
* 3 बैंक डेबिट कार्ड
* 2 पासपोर्ट
ड्रग्स तस्करी का खुलासा
पूछताछ और तलाशी के दौरान पुलिस को आरोपियों के पास से उच्च गुणवत्ता वाली एमडीएमए (MDMA) टैबलेट्स भी मिलीं, जिनका कुल वजन 39.58 ग्राम है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बरामद की गई इन ड्रग्स की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में ₹20 लाख से अधिक आंकी गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह गिरोह साइबर धोखाधड़ी से कमाए गए पैसों का इस्तेमाल ड्रग्स तस्करी जैसे अन्य गंभीर अपराधों में भी कर रहा था।
आगे की कार्रवाई
पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है ताकि इस साइबर फ्रॉड और ड्रग्स तस्करी नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों का पता लगाया जा सके और पूरी साजिश का पर्दाफाश किया जा सके। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि धोखाधड़ी की गई रकम कहाँ और कैसे इस्तेमाल की गई।