Shardiya Navratri Kab Se Hai October 2024 | शारदीय नवरात्रि आरंभ तिथि अक्टूबर 2024
हिंदू धर्म में 1 साल में चार बार नवरात्रि तिथि आती हैं, जिसमें दो बार गुप्त नवरात्रि होती हैं । और दो बार प्रकट नवरात्रि होती हैं।
गुप्त नवरात्रि जिसमें मां भगवती भवानी की गुप्त तरीके से साधना करने का विधान है । गुप्त नवरात्रि में मां आदिशक्ति भवानी की 10 महाविद्याओं की साधना होती है ।
प्रकट नवरात्रि जो होती हैं । इनमें एक चैत्र मास की नवरात्रि होती है और दूसरी आश्विन मास की नवरात्रि होती हैं । अब जो आगामी नवरात्रि होगी वह आश्विन मास की नवरात्रि होगी । आइए जानते है नवरात्र कब से आरंभ है ओर कब समापन होगा ।
आश्विन नवरात्र आरंभ तिथि एवम समापन तिथि | Navratri 2024 Date And Time
हिंदू पञ्चांग के अनुसार आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि का आरंभ दिनांक 3 अक्टूबर दिन गुरुवार को रात्रि 12 बजकर 17 मिनट से होगा एवम प्रतिपदा तिथि समापन 4 अक्टूबर दिन शुक्रवार को 2 बजकर 58 मिनट पर होगा । इस प्रकार उदया तिथि के अनुसार नवरात्रि का आरंभ 3 अक्टूबर से होगा ।
नवरात्र का समापन नवमी तिथि के पश्चात 12 अक्टूबर दिन शनिवार को होगा । महानवमी तिथि का आरंभ 11 अक्टूबर को दिन शुक्रवार को सुबह 6 बजकर 52 मिनट से होगा । तथा समापन 12 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 47 मिनट पर होगा । महा नवमी तिथि 12 अक्टूबर को है । आइए जानते है नवरात्र मैं मां भगवती को प्रसन्न एवम उनके दर्शन करने के लिए कोन से मंत्र का जप करे ।
नवरात्र मैं कोन सा मंत्र जप करे | Navratri Mantra Jaap
मां भगवती बहुत ही दयालु है । वह अपने भक्तों पर बहुत करुणा की दृष्टि बनाए रखती है । परंतु भक्त को कुछ पाने के लिए कुछ परीक्षा भी देनी होती है । उस परीक्षा मैं भी सफलता मां स्वयं ही अपने भक्त एवम साधक को दिलाती है । कोई अपने बल ओर अभिमान से मां को कदाचित प्राप्त नहीं कर सकता ।
वैसे तो मां भगवती के अनेकों मंत्र है जिससे मां के दर्शन एवम कृपा की प्राप्ति होती है । परंतु मां की साधना मैं सबसे जल्द सफलता दिलाने वाला मंत्र है नर्वाण मंत्र जो की है ( ॐ ऐं ह्लीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ) इस मंत्र का जप वैसे तो गुरुदेव की आज्ञा लेकर करना चाहिए। परंतु जीवन मैं कोई गुरु नही है तो आप शिव जी को गुरु मानकर इस मंत्र की मन ही मन आज्ञा लेकर मंत्र जप कर सकते हो ।
मंत्र जप से पहले कुछ नियम भी होते है वह भी साधक को जान लेना चाहिए । सर्वप्रथम पराई स्त्री का त्याग , गलत व्यसन का पूर्ण त्याग , मास मदिरा, लहसुन प्याज, का त्याग करना चाहिए । अन्यथा इसके दुष्प्रभाव भी आ सकते है । मां को मां समझकर बेटे की तरह छमा याचना अवश्य करे । ओर 5 माला से आप आरंभ करे । जरूर आपको अनुभव होंगे ओर उन अनुभवों को किसी को मत बताना आप सफल हो जायेंगे ।