Greater Noida News /भारतीय टॉक न्यूज़: जनपद: जन शिकायतों के निस्तारण में बरती जा रही घोर लापरवाही अब अधिकारियों पर भारी पड़ गई है। जिलाधिकारी (डीएम) मेधा रूपम ने आईजीआरएस (एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली) पोर्टल पर लंबित और असंतोषजनक निस्तारण वाले मामलों की समीक्षा के दौरान कड़ा रुख अपनाते हुए कई विभागों के अधिकारियों का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोक दिया है। यह कार्रवाई उन विभागों पर की गई है जहाँ निस्तारित शिकायतों में 70 प्रतिशत से अधिक फीडबैक असंतुष्ट पाया गया या जो विभाग डिफॉल्टर की श्रेणी में आ गए थे।
समीक्षा बैठक में खुली पोल
डीएम मेधा रूपम द्वारा कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित आईजीआरएस पोर्टल की समीक्षा बैठक में जब विभागों के प्रदर्शन का विश्लेषण किया गया, तो कई अधिकारियों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए। समीक्षा में पाया गया कि सख्त निर्देशों के बावजूद कई अधिकारी शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध तरीके से नहीं कर रहे हैं, जिसके चलते आम जनता को संतुष्टि नहीं मिल पा रही है। यही नहीं, इस महत्वपूर्ण बैठक में कई अधिकारी बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित भी पाए गए, जिसे डीएम ने अनुशासनहीनता माना।
डीएम ने जताई गहरी नाराजगी, दिए सख्त निर्देश
बैठक के दौरान असंतुष्ट फीडबैक और डिफॉल्टर श्रेणी के प्रकरणों पर डीएम ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “शासन स्तर पर आईजीआरएस पोर्टल की निगरानी प्रतिदिन होती है और इसी के आधार पर जनपद की रैंकिंग तय की जाती है। जन शिकायतों के प्रति इस तरह की लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को चेतावनी देते हुए निर्देशित किया कि प्रत्येक शिकायतकर्ता की समस्या का त्वरित और गुणवत्तापूर्ण समाधान सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अधिकारी स्वयं शिकायतकर्ता से फोन पर बात कर उनकी समस्या को समझें और निस्तारण की गुणवत्ता सुनिश्चित करें। डीएम ने कहा, “सभी अधिकारी अपने कार्यालय में आईजीआरएस पोर्टल की मॉनिटरिंग स्वयं करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी शिकायत अनावश्यक रूप से लंबित न रहे।”
वेतन रोकने का आदेश और स्पष्टीकरण तलब
लापरवाही और अनुशासनहीनता पर डीएम मेधा रूपम ने तत्काल प्रभाव से कड़ा एक्शन लिया। जिन विभागों का प्रदर्शन 70 प्रतिशत संतुष्टि के मानक से नीचे था और जो डिफॉल्टर पाए गए, उनके संबंधित अधिकारियों का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। इसके अतिरिक्त, जो अधिकारी बिना सूचना के बैठक से नदारद रहे, उनका भी वेतन रोकते हुए उनके विरुद्ध स्पष्टीकरण जारी करने का निर्देश दिया गया है। डीएम की इस दोहरी कार्रवाई से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है।