Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने रक्त संबंधियों के बीच संपत्ति दान देने की प्रक्रिया को सरल बनाने के बाद अब संयुक्त पारिवारिक संपत्ति (पैतृक संपत्ति) के विभाजन और सेटलमेंट (व्यवस्थापन) की प्रक्रिया को भी आसान और सस्ती बनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि पीढ़ियों की संपत्ति का बंटवारा अब केवल पांच हजार रुपये में किया जा सकेगा, जिससे परिवारों के बीच विवादों की स्थिति कम होगी।
कम खर्च में संपत्ति का बंटवारा
नई व्यवस्था के तहत, जीवित रहते हुए लोग अपनी अचल संपत्ति को बिना लाखों रुपये खर्च किए अपने परिवार के सदस्यों को सौंप सकेंगे। मंगलवार को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर स्टांप एवं निबंधन विभाग ने इस संबंध में एक प्रस्तुतीकरण दिया, जिसमें पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे और सेटलमेंट की प्रक्रिया को सरल बनाने के उपायों पर चर्चा की गई।
स्टांप शुल्क में कमी
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में संपत्ति के बंटवारे पर लाखों रुपये का खर्च आता है, जो अक्सर विवादों का कारण बनता है। उन्होंने कहा कि केवल पांच हजार रुपये का स्टांप शुल्क होने पर परिवार के बीच संपत्ति का सेटलमेंट आसानी से किया जा सकेगा, जिससे न्यायालयों में मामलों की संख्या में कमी आएगी।
जल्द लागू होने वाली नई व्यवस्था
स्टांप राज्यमंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर संपत्ति के विभाजन और सेटलमेंट की प्रक्रिया को सरल बनाने वाली नई व्यवस्था जल्द ही लागू की जाएगी। स्टांप अधिनियम में आवश्यक संशोधन के लिए प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में पेश किया जाएगा।
विभाजन और सेटलमेंट की प्रक्रिया
विभाजन विलेख में सभी पक्षकार संयुक्त हिस्सेदार होते हैं, और संपत्ति का बंटवारा उनके बीच ही किया जाता है। वहीं, सेटलमेंट विलेख में जीवित व्यक्ति अपनी संपत्तियों को कई पक्षकारों के बीच निस्तारित कर सकता है। यह व्यवस्था परिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति के बंटवारे को सरल और विवाद-मुक्त बनाने में सहायक होगी।