योगी सरकार की नई पहल: ग्रेटर नोएडा में 1.30 करोड़ की लागत से बना हाईटेक स्मार्ट स्कूल।

New initiative of Yogi government: High-tech smart school built in Greater Noida at a cost of Rs 1.30 crore.

Bharatiya Talk
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योगी सरकार की नई पहल: ग्रेटर नोएडा में 1.30 करोड़ की लागत से बना हाईटेक स्मार्ट स्कूल।

Greater Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार परिषदीय विद्यालयों को आधुनिक शिक्षा केंद्रों के रूप में विकसित करने के अपने प्रयासों को तेजी से आगे बढ़ा रही है। इसी क्रम में ग्रेटर नोएडा के मथुरापुर में 1.30 करोड़ रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक स्मार्ट स्कूल बनकर तैयार हो गया है, जिसका उद्घाटन 19 मार्च को किया जाएगा।

योगी सरकार की नई पहल: ग्रेटर नोएडा में 1.30 करोड़ की लागत से बना हाईटेक स्मार्ट स्कूल।
योगी सरकार की नई पहल: ग्रेटर नोएडा में 1.30 करोड़ की लागत से बना हाईटेक स्मार्ट स्कूल।

योगी सरकार का परिषदीय विद्यालयों को आधुनिक शिक्षा केंद्र बनाने पर जोर:

योगी सरकार राज्य के परिषदीय विद्यालयों को केवल साधारण स्कूल भवनों से कहीं अधिक, अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त समावेशी शिक्षा केंद्रों के रूप में परिवर्तित करने के लिए प्रतिबद्ध है। ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ योजना के तहत यह पहल की जा रही है, जिसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों के समकक्ष लाना है।

वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए छात्रों को तैयार कर रही सरकार:

योगी सरकार का मुख्य उद्देश्य सिर्फ विद्यालयों की संख्या बढ़ाना नहीं है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है। आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने और छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने के लिए इस नए स्मार्ट स्कूल में स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल बोर्ड, प्रयोगशालाएं, समावेशी शिक्षा सुविधाएं और उत्कृष्ट स्वच्छता व स्वास्थ्य प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया है। वर्तमान में इस विद्यालय में 90 छात्र पढ़ रहे हैं, और सरकार का लक्ष्य अगले सत्र में 150 से अधिक छात्रों का नामांकन सुनिश्चित करना है।

छात्रों के लिए उपलब्ध होंगी आधुनिक सुविधाएं:

मथुरापुर के इस नवनिर्मित विद्यालय में छात्रों को आधुनिक और प्रभावी शिक्षा प्रदान करने के लिए कई विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। प्रत्येक कक्षा स्मार्ट क्लासरूम से लैस है, जिसमें डिजिटल बोर्ड और स्मार्ट लर्निंग टूल्स स्थापित किए गए हैं। छात्रों के स्वास्थ्य और स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए आरओ और वाटर फिल्टर से शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गई है, और लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय बनाए गए हैं। सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रत्येक कक्षा में दो दरवाजे बनाए गए हैं, ताकि आपात स्थिति में छात्रों को सुरक्षित निकाला जा सके। मध्याह्न भोजन के लिए एक अलग भवन बनाया गया है। इसके अतिरिक्त, छात्रों के समग्र विकास के लिए खेलकूद की सुविधा और एक सुसज्जित प्रयोगशाला भी उपलब्ध है, जिससे वे शारीरिक रूप से सक्रिय रहने के साथ-साथ वैज्ञानिक प्रयोगों के माध्यम से व्यावहारिक ज्ञान भी प्राप्त कर सकें।

दिव्यांग छात्रों के लिए विकसित की जा रही विशेष सुविधाएं:

योगी सरकार समावेशी शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष सुविधाएं विकसित कर रही है। इस विद्यालय को एक ‘दिव्यांग अनुकूल विद्यालय’ के रूप में डिज़ाइन किया गया है, ताकि विशेष आवश्यकता वाले बच्चे बिना किसी बाधा के शिक्षा प्राप्त कर सकें। विद्यालय परिसर में दिव्यांग छात्रों की सुविधा के लिए रैंप, रेलिंग और अन्य आवश्यक सहायक उपकरण लगाए गए हैं। इसके अलावा, दिव्यांग छात्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति भी की जा रही है। इस पहल से दिव्यांग छात्र मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली में समान रूप से शामिल हो सकेंगे और आत्मनिर्भर बन सकेंगे।

विद्यालय निर्माण में पर्यावरण संरक्षण का रखा गया विशेष ध्यान:

योगी सरकार शिक्षा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को भी महत्व दे रही है। इस विद्यालय का निर्माण ‘ग्रीन स्कूल’ मॉडल के आधार पर किया गया है, जिसमें प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और सतत विकास के सिद्धांतों का पालन किया गया है। विद्यालय निर्माण के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि कोई भी पेड़ न काटा जाए, बल्कि परिसर में अधिक से अधिक पौधारोपण किया जाए। इससे विद्यालय का वातावरण हरा-भरा और स्वच्छ रहेगा, जो छात्रों के अध्ययन के लिए अनुकूल होगा।

बेसिक शिक्षा मंत्री का वक्तव्य:

प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने इस पहल पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘सबका साथ, सबका विकास’ नीति के तहत शिक्षा को हर बच्चे तक समान रूप से पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग छात्रों को भी मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने के लिए परिषदीय विद्यालयों में नई सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं, और मथुरापुर का यह विद्यालय इसी नीति का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यहां दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष रैंप, समावेशी कक्षाएं और अन्य आवश्यक सुविधाएं विकसित की गई हैं, जिससे वे बिना किसी बाधा के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें।

 

 

 

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